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रेवंत रेड्डी ने पीएम मोदी  पर दागे सवाल, कितने राफेल गिरे,  राहुल गांधी होते तो पीओके पर कब्जा हो जाता

Hyderabad : तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने  जय हिंद   रैली में प्रधानमंत्री  मोदी  पर हमलावर होते हुए  उनकी नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाये हैं. कहा कि अगर राहुल गांधी (पीएम) होते तो पीओके पर भारत का कब्जा हो जाता.

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 रेवंत रेड्डी ने  चार दिन के अंदर पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष विराम पर सवालिया निशान लगाया.   याद करें कि  22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने सात मई को पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर  हमले के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. 

 


रेड्डी ने तंज कसते हुए कहा, मोदी बंद हुए एक  हजार रुपये के नोट की तरह हैं.  अगर राहुल गांधी पीएम होते तो हम अब तक पीओके पर कब्जा जमा चुके होते. कहा कि राहुल गांधी का नेतृत्व 1971 के युद्ध में इंदिरा गांधी के नेतृत्व जैसा होता.  

 


 रेवंत रेड्डी यहीं नहीं रुके, कहा कि 140 करोड़ भारतीयों की इच्छा के बावजूद मोदी बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करने और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर नियंत्रण करने में विफल रहे. 

 


रेवंत रेड्डी ने युद्धक विमान राफेल पर भी सवाल उठाये.  प्रधानमंत्री पर हमलावर होते हुए से कहा, यहां की (सिकंदराबाद) छावनी के सैनिकों ने युद्ध में भाग लिया था. तेलंगाना में निर्मित युद्धक विमानों ने देश का सम्मान  बनाये रखा. लेकिन मोदी द्वारा लाये गये राफेल विमानों को पाकिस्तान ने मार गिराया.

 

कहा कि कोई चर्चा नहीं की जा रही कि कितने राफेल मार गिराये गये. नरेंद्र मोदी जवाब दे. पाकिस्तान ने कितने राफेल विमान मारे. रेवंत रेड्डी ने इसका हिसाब मांगा. 

 

रेड्डी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि हजारों करोड़ रुपये के ठेके अपने  करीबी लोगों को दे दिये, जिन्होंने फिर राफेल विमान खरीदे. चार दिनों के युद्ध के बाद, नहीं पता कि किसने किसको धमकाया और किसने घुटने टेक दिये. कहा कि अचानक, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप अवतरित हुए. उन्होंने भारत को धमकाया और युद्ध रोक दिया गया. 

 


कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि  रेवंत रेड्डी ने जो सवाल पूछे हैं, वही सवाल उनके भाजपा नेता पूछ रहे हैं. उनके वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी सवाल पूछ रहे हैं. यह करदाताओं का पैसा है जिसका इस्तेमाल प्रधानमंत्री दुनिया भर में यात्रा करने के लिए करते हैं.

 

 इसलिए हमें यह जानने का पूरा अधिकार है कि आपकी विदेश यात्राओं का क्या नतीजा निकला.   कल, भारतीय वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हर परियोजना में देरी हो रही है.  हर करदाता को जवाब जानने की जरूरत है,  आप कहां विफल रहे हैं?

 

पवन खेड़ा ने कहास हमारी विफल विदेश नीति का नतीजा पहलगाम के बाद ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखने को मिला। किसी भी देश ने पाकिस्तान को आतंकवादी देश नहीं कहा, ये आपकी विफल विदेश नीति का नतीजा है.  फिर आपने ऑपरेशन सिंदूर चलाया और किसी देश ने आपके पक्ष में बयान नहीं दिया. 


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