LagatarDesk : कोरोना महामारी में कई लोगों की आमदनी घट गयी. करोड़ों लोगों की नौकरियां चली गयी. इसके कारण लोगों के पास पैसे की कमी हो गयी है. महामारी के दौरान वित्तीय प्रभाव को पूरा करने के लिए लोग फिक्स डिपॉजिट से पैसे निकाल रहे हैं. इस दौरान लोगों ने अपनी कैश होल्डिंग बढ़ा दी. अब लोग बैंकों की जगह घरों में पैसे रख रहे हैं. यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों में एफडी कराने वालों की संख्या में भारी गिरावट आयी है. आरबीआई के अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमाराशियों और ऋण सांख्यिकी आधारित त्रैमासिक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ.
25 राज्यों के 159 जिलों में एफडी कराने वालों में आयी कमी
आरबीआई के त्रैमासिक रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी से मार्च तक 25 राज्यों के 159 जिलों में एफडी कराने वालों की संख्या में गिरावट दर्ज की गयी है. अक्टूबर से दिसंबर और जनवरी से मार्च में भी 159 जिलों में से 15 में एफडी में गिरावट देखी गयी. इन 15 जिलों में तेलंगाना में चार, आंध्र प्रदेश में दो और छत्तीसगढ़, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, असम, यूपी और महाराष्ट्र में एक-एक शामिल हैं. इसके अलावा बेंगलुरु और मुंबई में भी एफडी कराने वालों की संख्या में कमी आयी है.
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मार्च 2020 से मई 2021 के बीच 5.54 लाख करोड़ कैश होल्डिंग बढ़ी
आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल की तुलना में इस साल लोगों के पास कैश होल्डिंग बढ़ी है. 13 मार्च 2020 और 21 मई 2021 के बीच लोगों के पास 5.54 लाख करोड़ कैश बढ़े हैं. इसके बाद यह 28.62 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है.
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2020की तुलना में एफडी में 5.86 फीसदी की गिरावट
आरबीआई के रिपोर्ट में 705 जिलों का डेटा उपलब्ध है. उनमें से 159 ने 2020-21 की अंतिम तिमाही में बैंकों की एफडी में 0.19 से 67 फीसदी की गिरावट देखी गयी है. पिछले वर्ष इसी अवधि में 14.94 लाख करोड़ रुपये बैंकों के एफडी में जमा थे. लेकिन इस साल यह 5.86 फीसदी घटकर 14.06 लाख करोड़ हो गयी है.
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