Patna: लोकसभा चुनाव में बिहार की काराकाट सीट से हारे राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया. इसमें उन्होंने बीजेपी, जेडीयू और एनडीए की अन्य सहयोगी पार्टियों को सलाह दी. कुशवाहा ने कहा कि विरोधी आग में घी डालने के लिए बैठा है. चुनाव परिणाम की समीक्षा जरूरी है लेकिन उसकी बातें सार्वजनिक मंचों पर न आए तो बेहतर है. क्योंकि इससे आपस में कटुता बन या बढ़ सकती है. कुशवाहा ने कहा कि ऐसी खबरें एनडीए के दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति को जन्म दे सकती है. चुनाव परिणाम की समीक्षा जरूरी है. मगर यह एनडीए का आंतरिक मामला है. इसका मकसद हमारी कमियां ढूंढकर मिलजुल कर उसको दूर करना है. ताकि आगामी विधानसभा चुनाव की फुलप्रूफ रणनीति बनाई जा सके. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक मंच पर चर्चा हमारे मूल मकसद को ध्वस्त कर सकती है. इसलिए हम सबको गंभीर होकर अर्जुन की तरह बिहार को फिर से 2005 के पहले वाली स्थिति में ले जाने से रोकने के लिए पुनः एनडीए सरकार की स्थापना के अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
काराकाट में पवन सिंह के आने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था
बता दें कि लोकसभा चुनाव में एनडीए को 40 में से 30 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. इनमें अधिकतर सीटें मगध और शाहाबाद क्षेत्र की है. इसमें काराकाट सीट भी शामिल है, जहां से उपेंद्र कुशवाहा लड़े थे. काराकाट में बीजेपी के बागी पवन सिंह के आने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था और कुशवाहा को हार का सामना करना पड़ा. यहां सीपीआई माले के राजाराम सिंह कुशवाहा जीते. जानकारी के अनुसार एनडीए की समीक्षा में यह बात सामने आई है कि काराकाट में पवन सिंह के आने से जनता के बीच गलत धारणा बनी. इससे कुशवाहा समाज एकजुट होकर एनडीए के खिलाफ हो गया और महागठबंधन को इसका फायदा मिला. इस वजह से काराकाट ही नहीं बल्कि आसपास की अन्य सीटों पर भी एनडीए को हार का सामना करना पड़ा.
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