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रिजिजू की अपील, मुसलमान वोट बैंक न बनें, वक्फ कानून पर विश्वास जताया कि सुप्रीम कोर्ट विधायी मामले में दखल नहीं देगा...

NewDelhi : वक्फ अधिनियम पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने आज कोच्ची में थे. उन्होंने यहां कहा, मैं मुसलमानों से अपील करता हूं कि वे कांग्रेस पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टियों का वोट बैंक न बनें. कहा कि एक बार जब आप वोट बैंक बन जाते हैं,   आपके साथ एक वस्तु की तरह व्यवहार किया जाता है.. उन्होंने कांग्रेस और वामपंथियों को फिर चेतावनी दी कि वे किसी भी समुदाय को अपना वोट बैंक न समझें. किरेन रिजिजू ने कहा,  भारत में दुनिया की सबसे बड़ी वक्फ संपत्तियां हैं.  कहा कि मुनंबम मामला कुछ समय पहले हमारे सामने आया था.  जब मुझे इस मामले के बारे में पता चला तो मैं बहुत परेशान हुआ.  व हां रहने वाले 600 मछुआरों की जमीन पर केरल वक्फ बोर्ड ने दावा कर दिया. मुनंबम में 404 एकड़ परिवर्तनीय भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया.  लोगों की ऐसी पीड़ा को देखते हुए, मोदी सरकार ने वक्फ अधिनियम में संशोधन लाने का फैसला किया. अब, किसी भी भूमि को वक्फ भूमि के रूप में मनमाने ढंग से घोषित नहीं किया जायेगा. इससे पहले कल किरेन रिजिजू ने संशोधित वक्फ कानून को कानूनी चुनौती का जिक्र करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि सुप्रीम कोर्ट विधायी मामले में दखल नहीं देगा. बंगाल की CM ममता बनर्जी की घोषणा पर कि संशोधित कानून राज्य में लागू नहीं किया जायेगा, केंद्रीय मंत्री ने पूछा है कि क्या उनके पास इस पद पर रहने का कोई नैतिक या संवैधानिक अधिकार है? क्या ममता मुसलमानों को केवल वोट बैंक के रूप में देखती हैं . बता दें कि ममता बनर्जी पिछले साल नागरिकता संशोधन अधिनियम, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और समान नागरिक संहिता लागू करने से इनकार कर चुकी है. अब कह रही हैं कि संशोधित वक्फ कानून राज्य में लागू नहीं होगा. केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी ऐसे समय में की है. जब इस संशोधित कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी है. सुप्रीम कोर्ट कल बुधवार को सभी याचिकाओं पर सुनवाई करेगा. रिजिजू ने विश्वास जताया कि सुप्रीम कोर्ट विधायी मामले में दखल नहीं देगा. कहा,. अगर कल सरकार न्यायपालिका में हस्तक्षेप करती है तो यह अच्छा नहीं होगा. संविधान में शक्तियों का विभाजन अच्छी तरह से परिभाषित है. इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि वह विधायिका के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण नहीं करेगा, लेकिन संविधान से जुड़े मुद्दों पर अंतिम मध्यस्थ के रूप में याचिकाकर्ताओं की सुनवाई के लिए सहमत हो गया है. याचिकाकर्ताओं के अनुसार संशोधित कानून समानता, धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार सहित कई मौलिक अधिकारों का हनन करनेवाला है. इसे भी पढ़ें :   मुर्शिदाबाद">https://lagatar.in/yogi-attacked-mamata-over-murshidabad-violence-said-those-who-have-been-kicked-do-not-listen-to-words-rioters-will-listen-only-with-sticks/">मुर्शिदाबाद

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