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रिजिजू ने कारण बताया, एसआईआर पर सदन में चर्चा नहीं हो सकती, मनीष तिवारी ने कहा, झूठ बोल रहे हैं

 New Delhi : संसदीय कार्यंमंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष की SIR पर चर्चा की मांग को खारिज करते हुए कहा कि संसद में इस पर चर्चा नहीं हो सकती, क्योंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है. उन्होंने कहा कि देश में एसआईआर पहली बार नहीं हो रहा है. विपक्षी सासंद किसी व्यवस्था का पालन नहीं करना चाहते.

 

 

 

 

 

 रिजिजू ने कहा कि सरकार किसी भी विषय पर बहस और चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है. लेकिन संसद में हर चर्चा नियमों के अनुसार होनी चाहिए. कहा कि SIR का मामला सुप्रींम कोर्ट  में विचाराधीन है.  

 


केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी कहा कि एसआईआर का  मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बलराम जाखड़ जब लोकसभा अध्यक्ष थे, तब एक आदेश था कि चुनाव आयोग के कामकाज पर कोई चर्चा नहीं हो सकती.

 

 

प्रह्लाद जोशी ने  कहा कि आज विपक्ष के नेता मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) को चुनने  वाले तीन सदस्यीय पैनल का हिस्सा हैं. याद दिलाया कि पहले प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, जवाहरलाल नेहरू  मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति खुद करते थे. प्रह्लाद जोशी ने  कहा, अब एक उचित व्यवस्था है. आरोप लगाया कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग का खूब दुरुपयोग किया है.

 

 


केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के बयान पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री बिल्कुल गलत बोल रहे हैं. अब विचाराधीन मामले की कोई अवधारणा ही नहीं रही, इसलिए यह एक पुरानी और अप्रचलित अवधारणा है.  

 

 

कई बार कहा गया है कि यह एक कानूनी प्रावधान है जो अब प्रासंगिक नहीं है, जहां तक चुनाव आयोग के आचरण पर चर्चा का सवाल है, सदन में इस पर कई बार चर्चा हो चुकी है.

 

 

लोकसभा और राज्यसभा दोनों में चुनाव आयोग के कामकाज को लेकर चर्चा हुई है,  मैं आपको एक मिसाल, एक अध्याय और एक श्लोक दे सकता हूं. इसलिए संसदीय कार्य मंत्री जो कह रहे हैं वह बिल्कुल गलत है.   

  
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