Ranchi: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में मरीजों को एमआरआई के लिए निजी केंद्रों में पैसे नहीं देने होंगे. रिम्स में भर्ती मरीजों को फिलहाल एमआरआई कराने के लिए बहुत परेशानी होती है. रिम्स में एमआरआई की पुरानी मशीन खराब हो चुकी है. यह मशीन 17 साल पुरानी है. नई मशीन की खरीदारी के लिए निविदा निकाली गई है पर तब तक मरीजों की इस समस्या को दूर करने के लिए रिम्स परिसर में मौजूद पीपीपी मोड पर संचालित हेल्थ मैप में एमआरआई के लिए करार किया गया है. रिम्स में भर्ती आयुष्मान कार्डधारी और बीपीएल मरीजों की निशुल्क जांच हेल्थ मैप में होगी. इसके लिए रिम्स हेल्थ मैप को पैसे का भुगतान करेगा. निदेशक डॉ राजीव गुप्ता ने बताया कि हेल्थमैप रिम्स में लगने वाले एमआरआई की दर से कम दर में जांच करने के लिए तैयार है. अगले दो से तीन दिनों में मरीजों को यह सुविधा मिलने लगेगी.
हर दिन 50 से अधिक मरीजों की होती है एमआरआई जांच
रिम्स में भर्ती न्यूनतम 50 मरीजों को हर दिन एमआरआई की जरूरत पड़ती है. बिना एमआरआई के इलाज संभव नहीं हो पाता है. इसलिए गरीब वर्ग के मरीजेां को भी मजबूरी में बाहर के निजी केंद्रों के एमआरआई करानी पड़ती है. इसके लिए उन्हें 5 से 12 हजार रुपये तक का भुगतान करना पड़ता है. इस सुविधा के शुरू हो जाने से मरीजों को इतने पैसे लगाने नहीं देने होंगे.
मरम्मत के बाद भी सिर्फ 15 लोगों को ही हो पाता एमआरआई
रिम्स के निदेशक डॉ राजीव गुप्ता ने बताया कि मशीन 17 साल पुरानी हो चुकी है. ऐसे में मरम्मत होने के बाद भी मरीजों को बहुत अधिक लाभ नहीं मिल पाता. उन्होंने बताया कि सिर्फ सीएमसी कांप्रिहेंसिव मेंटेनेंस कांट्रेक्ट के लिए कंपनी 90 लाख रुपये मांग रही थी. इसके बाद भी एक दिन में सिर्फ 15 मरीजों की ही जांच हो पाती. इसलिए नए सिरे से मशीन की खरीदारी के लिए निविदा निकाली गई है. जल्द ही नई मशीन की खरीदारी हो जाएगी.
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