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नियुक्ति विवाद पर रिम्स की सफाई, कहा– पारदर्शिता के साथ पूरी की गई भर्ती प्रक्रिया

Ranchi : राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) ने तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितता और न्यायालय के आदेश की अवमानना से जुड़े आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है. प्रबंधन ने साफ किया है कि उच्च न्यायालय के आदेश का पूरी तरह अनुपालन करते हुए भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और विधि सम्मत तरीके से पूरी की गई है.

 

रिम्स की ओर से बताया गया कि चयन समिति ने कई चरणों में दस्तावेजों की गहन जांच और personal interaction की कार्यवाही की. विभिन्न कारणों से प्रक्रिया में विलंब हुआ, लेकिन मार्च 2025 में परिणाम घोषित कर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए.

 

नियुक्ति प्रक्रिया का ब्यौरा

* प्रथम दस्तावेज सत्यापन : 20–21 जून 2024
* वार्ड अटेंडेंट – 24
 * लैब अटेंडेंट – 04
* द्वितीय सत्यापन : 27 दिसम्बर 2024 (उच्च निर्देशानुसार स्थगित)
* तृतीय सत्यापन : 4–5 फरवरी 2025
* वार्ड अटेंडेंट – 66
* लैब अटेंडेंट – 04
* ट्रॉली मैन – 01
* मोर्चरी अटेंडेंट – 01

 

कुल नियुक्ति

 

वार्ड अटेंडेंट – 90, लैब अटेंडेंट – 08, ट्रॉली मैन – 01, मोर्चरी अटेंडेंट – 01
शिकायतें प्राप्त – 49, शिकायतों से चयनित – 15

रिम्स ने कहा कि सीमित मानव संसाधनों के बावजूद चिकित्सकों को अतिरिक्त कार्यभार देकर प्रक्रिया संपन्न कराई गई. हालांकि किसी प्रकार की गैर-इरादतन त्रुटि की संभावना को नकारा नहीं जा सकता. निदेशक की ओर से अपर निदेशक (प्रशासन) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की गई है, जिसकी रिपोर्ट लगभग तैयार है. यदि समिति की अनुशंसा पर जानबूझकर की गई अनियमितता प्रमाणित होती है, तो संबंधित व्यक्तियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

 

निदेशक को व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाया जा रहा है

 

संस्थान ने कहा कि अवमानना प्रकरण में शो कॉज का उत्तर विधि पोर्टल पर उपलब्ध है. भर्ती प्रक्रिया कई वर्षों से संस्थान स्तर पर लंबित रही थी, इसके बावजूद वर्तमान निदेशक को व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाया जा रहा है. रिम्स ने सवाल उठाया है कि आखिर क्यों केवल निदेशक को ही निजी तौर पर दोषी ठहराया जा रहा है.

 

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