- आयुष्मान योजना से अब तक रिम्स की 26 करोड़ की हुई है कमाई
- कमाई का करीब साढ़े छह करोड़ डॉक्टर और नर्सों को होगा भुगतान
- क्या प्राइवेट प्रैक्टिस रोकने में कारगर होगी योजना
- -आयुष्मान योजना से अब तक रिम्स की 26 करोड़ की हुई है कमाई
- -साढ़े छह करोड़ रुपए चिकित्सा कर्मियों में बांटे जाने हैं
- -अब तक एक बार भी नहीं हुआ है भुगतान
Ranchi: रिम्स में आयुष्मान योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले इसके लिए सभी विभागों में इसे सही से लागू करने की तैयारी है. इसकी कमाई का लाभ चिकित्सकों को भी मिलना है. अब तक रिम्स आयुष्मान योजना से करीब 26 करोड़ रुपये की कमाई कर चुका है. जिसके 25 फीसदी रुपये का भुगतान चिकित्सा कर्मियों में किया जाना है. जो साढ़े छह करोड़ रुपये के करीब है. इसमें 1.62 करोड़ रुपये का भुगतान सिर्फ चिकित्सकों को होना है, जो अब तक रिम्स ने एक बार भी नहीं किया है. इसे लेकर चिकित्सकों में नाराजगी भी है. चिकित्सकों के इस नाराजगी को दूर करने के लिए रिम्स प्रबंधन ने तैयारी शुरु कर दी है. जल्द ही चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों को आयुष्मान से हुई कमाई से उनके हिस्से का भुगतान कर दिया जाएगा. रिम्स के निदेशक डॉ राजीव गुप्ता ने इसे लेकर कार्रवाई तेज करने का आदेश भी प्रबंधन को दे दिया है. चिकित्सकों के प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने के लिए आयुष्मान की कमाई का 25 फीसदी उन्हें भुगतान करने की तैयारी है.
आयुष्मान योजना से रिम्स को दस करोड़ रुपये का अब भी होना है भुगतान
रिम्स के आयुष्मान के नोडल पदाधिकारी डॉ राकेश रंजन ने बताया कि आयुष्मान योजना से रिम्स ने अब तक 26 करोड़ रुपये की कमाई की है. जिसमें से अब भी आयुष्मान योजना से दस करोड़ रुपये बकाया है. उन्होंने बताया कि जितने पैसे का अब तक भुगतान हुआ है. उसी से चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों को भुगतान किया जाएगा.
सभी विभागों में बहाल होंगे आयुष्मान मित्र
डॉ राकेश रंजन ने बताया कि रिम्स के सभी विभागों में आयुष्मान योजना का लाभ सही से दिलाया जाएगा. इसके लिए सभी विभागों में आयुष्मान मित्र बहाल किये जा रहे हैं. वहीं आयुष्मान मित्र आयुष्मान से हुए इलाज के पैसे का हिसाब रखेंगे, और आयुष्मान से हुई कमाई से ही उनके मानदेय का भुगतान किया जाएगा. बता दें कि वर्तमान में आयुष्मान योजना से सबसे अधिक लाभांवित कार्डियोलॉजी, सीटीवीएस, न्यूरोसर्जरी और ऑर्थो विभाग के मरीज हो रहे हैं. हालांकि मरीजों की शिकायत रहती है कि उन्हें इस योजना से लाभ लेने के लिए लंबा समय लग जाता है, तुरंत स्टेंट और जरूरी इंप्लांट इस योजना के मरीजों को नहीं मिल पाता है.
इसे भी पढ़ें- चौपारण : विधायक ने अनाथ बच्चे के लिए सौंपा 50 हजार रुपए का चेक
सदर आयुष्मान योजना की कमाई से बढ़ा रहा संसाधन
आयुष्मान योजना से हुई कमाई से रिम्स अबतक कोई बेहतर इस्तेमाल नहीं कर सका है. जबकि सदर अस्पताल आयुष्मान के इलाज से हुई कमाई से नया आयाम गढ़ रहा है. आयुष्मान योजना की कमाई से सदर अस्पताल ने कैंसर जैसी बीमारी के इलाज के लिए संसाधन जुटा लिए. मरीजों की लेजर सर्जरी हो सके इसके लिए संसाधन बनाए, हृदय रोगियों को इको, ईसीजी, टीएमटी जैसे जांच के उपकरण मंगवाए. सिटी स्कैन मशीन का भी क्रय किया. साथ ही निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों को आयुष्मान योजना से जोड़कर गरीब मरीजों को लाभ पहुंचाया जा रहा है.