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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रिम्स, स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका संदिग्ध : अमर बाउरी

Ranchi: पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा है कि झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता के लिए इलाज का सबसे बड़ा केंद्र रिम्स आज गहरे भ्रष्टाचार की गिरफ्त में है. वे शनिवार को बेरमो में मीडिया से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि रिम्स गरीबों का इलाज करने वाला प्रमुख संस्थान है, लेकिन दुर्भाग्यवश वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री की दखलअंदाजी और दबाव के कारण यह संस्था भी भ्रष्टाचार की आग में झोंकी जा रही है. इसे भी पढ़ें - गिरिडीह">https://lagatar.in/inauguration-of-blood-component-separation-unit-in-giridih-irfan-ansari-said-medical-college-will-be-available-soon/">गिरिडीह

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डॉ. राजकुमार के खिलाफ किसी भी स्तर पर नहीं लगा भ्रष्टाचार का आरोप रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार को बिना पूर्व सूचना, कारण और किसी जांच के पद से हटाया जाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि सरकार ईमानदार अधिकारियों को संस्थागत भ्रष्टाचार के खिलाफ काम नहीं करने देना चाहती. डॉ. राजकुमार के खिलाफ आज तक किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है. उनके पिछले 14 महीने के कार्यकाल को ईमानदारी व दक्षता का उदाहरण माना जाता रहा है. स्वास्थ्य मंत्री फर्जी बकायों के भुगतान का बना रहे थे दबाव हेल्थमैप और मेडाल जैसी आउटसोर्स कंपनियों पर महालेखाकार की रिपोर्ट में गंभीर अनियमितताओं की बात सामने आई है. फर्जी बिल, डॉक्टरों के फर्जी हस्ताक्षर और अन्य वित्तीय गड़बड़ियों का स्पष्ट उल्लेख है. इसके बावजूद स्वास्थ्य मंत्री इन कंपनियों के फर्जी बकायों के भुगतान का दबाव निदेशक पर बना रहे थे. इतना ही नहीं कैबिनेट से स्वीकृत एमआरआई मशीन के टेंडर को निरस्त कर अपने पसंदीदा ठेकेदार को टेंडर देने के लिए भी दबाव डाला जा रहा था. बाउरी ने की ये मांग • रिम्स निदेशक को पद से हटाने की प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच हो. • हेल्थमैप और मेडाल से संबंधित सभी वित्तीय लेनदेन की सीबीआई जांच करवाई जाए. • रिम्स की सेन्ट्रल लैब के निर्माण में हो रही देरी की भी स्वतंत्र जांच हो. • मुख्यमंत्री व राज्यपाल जनता के सामने इस पूरे मामले का विवरण साझा करें. इसे भी पढ़ें -जनता">https://lagatar.in/people-should-be-cautious-situation-like-murshidabad-should-not-happen-in-jharkhand-too-babulal/">जनता

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