– रिम्स में जांच के लिए निशुल्क उपलब्ध होता है वाइल
– अभी उपलब्ध नहीं है, वाइल महीनों से है ये परेशानी
– अब जांच के लिए खुद से खरीदकर लाना पड़ रहा वाइल
Ranchi: रिम्स में जांच की व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गयी है. मरीजों की न तो जांच हो रही है ना ही जांच के सैंपल के लिए वाइल ही उपलब्ध करायी जा रही है. जो भी जांच रिम्स में किया जा रहा है, इसके लिए वाइल भी मरीजों को खुद से खरीदकर लाना पड़ रहा है. रिम्स में वाइल नहीं होने की जानकारी जैसे ही रिम्स परिसर के दुकानदारों को मिली, वे मनमाना दाम वसूलने लगे हैं. रिम्स परिसर में मौजूद दुकानदार एक वाइल के लिए मरीजों से 12 रूपये तक वसूल रहे हैं. जबकि यह दुकानदारों को होलसेल कीमत पर करीब डेढ़ से दो रूपए में मिल जाता है. मतलब साफ है कि रिम्स की बदइंतजामी का खामियाजा मरीज और उनके परिजन छह गुणा अधिक कीमत चुकाकर भुगत रहे हैं.
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औसतन एक हजार के करीब मरीजों को पड़ती है जांच की जरुरत
रिम्स में औसतन 1400 के करीब मरीज ओपीडी में परामर्श के लिए पहुंचते हैं. वहीं औसतन 1700 मरीज भर्ती रहते हैं. कुल 3100 भर्ती और ओपीडी मरीजों में तीस फीसदी से अधिक को जांच की जरूरत पड़ती है. मतलब एक हजार मरीज को जांच की जरुरत पड़ती है, सभी मरीजों को औसतन जांच के लिए दो वाइल की जरूरत होती है. मतलब दो वाइल के लिए जहां मरीजों को छह रूपए समान्य दुकानों में लगाने होते, उसी चीज के लिए रिम्स परिसर के दुकान में मरीजों को चौबिस रूपये तक चुकाने पड़ रहे हैं.
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एक रूपये प्रति पीस मिलने वाला स्लाइड भी उपलब्ध नहीं करा रहा रिम्स, कैंसर के महत्वपूर्ण जांच प्रभावित
रिम्स में अब पैथोलॉजिकल स्लाइड भी खत्म हो गया है. एक रूपये प्रति पीस बाजार में उपलब्ध हो जाने वाला पैथोलॉजिकल स्लाइड भी रिम्स को विभाग उपलब्ध नहीं करा रहा है. पिछले कई दिनों से रिम्स के पैथोलॉजी विभाग में स्लाइड नहीं है. जिससे कैंसर के लिए होने वाली महत्वपूर्ण जांच पूरी तरह से प्रभावित हो गई है. बता दें कि स्लाइड नहीं होने के कारण हिस्टोपैथोलॉजी बायोप्सी, एफएनएसी, हिमेटोलॉजी, पीबीएस, बोन मैरो, सिकलिंग सहित कई अन्य जांच प्रभावित हैं. इससे कैंसर के संदिग्ध मरीजों की जांच पूरी तरह प्रभावित हो गई है. रिम्स में इस जांच के लिए मरीजों को या तो पैसा नहीं लगता या फिर सौ से भी कम दर का भुगतान करना पड़ता है. वहीं इसे लेकर बाहर के जांच केंद्रों के दलाल सक्रिय हो गए हैं. बता दें कि इन जांच के लिए बाहर के जांच केंद्रों में मरीजों को दो से चार हजार तक का भुगतान करना पड़ रहा है.