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आत्मनिर्भरता की ओर RIMS: एक सप्ताह में अत्याधुनिक सीटी स्कैन मशीन से होगी जांच

Ranchi: रिम्स को राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल कहा जाता है. रिम्स गरीबों की उम्मीद है. न सिर्फ झारखंड बल्कि पड़ोसी राज्य के लोग भी यहां अपना इलाज कराने आते हैं. रिम्स की दिशा और दशा सुधारने को लेकर कई बार झारखंड हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है. कमियों-खामियों को लेकर स्वास्थ्य सचिव और निदेशक तक से मुख्य न्यायाधीश ने जवाब-तलब किया है. हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में पूछा था कि जब रिम्स राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल है तो फिर किन कारणों से अस्पताल में जरूरी जांच के लिए पीपीपी मोड पर संचालित मेडॉल और हेल्थ मैप के भरोसे मरीजों को रहना पड़ता है. इसके बाद रिम्स प्रबंधन जरूरी उपकरण की खरीदारी में जुट गयी है.

पिछले 6 महीने में रिम्स में हुए बदलाव की एक पड़ताल

पिछले 6 माह में रिम्स में रेडियोलॉजी जांच के लिए बदलाव देखने को मिला है. रेडियोलॉजी जांच के लिए यहां 9 जुलाई को दो 4डी इकोकार्डियोग्राफी मशीन लगाई गई है. जिसका उद्घाटन रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने किया था. प्राइवेट जांच घर में इकोकार्डियोग्राफी जांच के लिए मरीज को 1050 रुपए खर्च करने पड़ते थे, लेकिन रिम्स में सिर्फ 180 रूपये जांच के लिए खर्च करने पड़ते हैं.

चार डाइमेंशन से हार्ट की होती है जांच

4डी इकोकार्डियोग्राफी मशीन से मरीजों के हार्ट के फंक्शन को बेहतर तरीके से देखा जा सकता है. सीटीवीएस विभाग के डॉ अंशुल कुमार ने कहा कि इस मशीन से हार्ट में सिकुड़न, हार्ट के मांसपेशियों के कमजोर होने की जानकारियों के साथ-साथ हार्ट के पंप करने की क्षमता और दिल में सुराख समेत अन्य जांच होती है. इस मशीन के जरिये चार डाइमेंशन से हार्ट की जांच होती. इससे डॉक्टरों को हार्ट में होने वाली हर तरह की गतिविधियों का पता करने में बहुत हद तक मदद मिलती है.

मुंबई पहुंची सीटी स्कैन मशीन, एक सप्ताह में होगी शुरुआत

रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि अब मरीजों को सीटी स्कैन की सुविधा भी जल्द मिलेगी. 256 स्लाइस का सीटी स्कैन मशीन जर्मनी से खरीदा गया है. मशीन मुंबई में है. एक सप्ताह में इसे रिम्स में इंस्टॉल कर लिया जाएगा. अत्याधुनिक तकनीक से लैस सीटी स्कैन मशीन से हार्ट और ब्रेन की एंजियोग्राफी होगी. इसके अलावा किडनी के संक्रमण, ट्यूमर, खून के थक्के की जमने की जांच हो सकती है. आने वाले दिनों में एक और मशीन की खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू किया जाएगा. इसे भी पढ़ें-RMC:">https://lagatar.in/rmc-municipal-commissioner-reviewed-engineering-branch-directed-to-blacklist-nine-contractors-who-were-negligent/">RMC:

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alt="" width="716" height="523" /> कोबास मशीन (फाइल)[/caption]

रिम्स और दुमका में लगी है COBAS- 6800

इसी कड़ी में कोरोना की कम समय में ज्यादा टेस्टिंग के लिए रांची रिम्स और दुमका मेडिकल कॉलेज में COBAS-6800 अत्याधुनिक मशीन लाई गई है. सैंपल टेस्टिंग COBAS-6800 पर होगी. ये अत्याधुनिक मशीन 24 घंटे में 1200 सैंपल्स टेस्ट कर सकती है. इससे ना सिर्फ एक साथ कई टेस्ट हो पाएंगे, बल्कि पेंडेंसी भी खत्म होगी.

मशीन से होगी अन्य संक्रमण को भी जांच

COBAS-6800 से वायरल हेपेटाइटिस बी एंड सी, एचआईवी, एमटीबी (दोनों राइफैम्पिसिन और आइसोनियाज़ाइड प्रतिरोध), पैपिलोमा, सीएमवी, क्लैमाइडिया, नेएसेरेमिया जैसे अन्य का पता लगा सकता है.

स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेज गति से हुआ काम- बन्ना गुप्ता

वहीं झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में झारखंड में तेजी से कम हुआ है. इसी कड़ी में दो COBAS-6800 मशीन लगायी गयी है. जबकि राज्य में कई आरटीपीसीआर लैब काम कर रहा है. राज्य के 6 जिले में आरटीपीसीआर लैब के अधिष्ठापन का काम भी चल रहा है.

रिम्स में कैथ लैब खरीद की प्रक्रिया पूरी

कैथ लैब में एंजियोप्लास्टी के अलावा सर्जरी की भी सुविधा होती है. इससे फायदा यह होगा कि एंजियोप्लास्टी के दौरान यदि डॉक्टर को लगे कि मरीज की बाईपास सर्जरी की जरूरत है तो मरीज को ऑपरेशन थियेटर में स्थानांतरित करने की जरूरत नहीं होगी. तत्काल कैथ लैब में ही कार्डियक सर्जन पहुंचकर मरीज की सर्जरी कर सकेंगे. इसे भी पढ़ें-चाईबासा">https://lagatar.in/womens-college-b-ed-nss-volunteer-reaches-crpf-camp-sees-arms-exhibition/">चाईबासा

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