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RJD ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा, इन भाषाओं को क्षेत्रीय भाषा बनाने की मांग की

Ranchi  :  राष्ट्रीय जनता दल (राजद), झारखंड प्रदेश ने आज झारखंड के महामहिम राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन में राजद ने मांग की है कि भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगीका और भूमिज भाषाओं को राज्य की नियोजन नीति में क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल किया जाए.राजद का कहना है कि झारखंड एक ऐसा राज्य है जहां कई भाषाओं के लोग रहते हैं और सभी मिलकर राज्य के विकास में योगदान दे रहे हैं. राज्य सरकार ने 29 अगस्त 2018 को 17 भाषाओं को दूसरी राजभाषा के रूप में मान्यता दी थी, जिसमें ये पांच भाषाएं भी शामिल हैं.

 

लेकिन 10 मार्च 2023 को सरकार ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा के लिए जो नियम बनाए, उसमें केवल 12 भाषाओं को ही क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल किया गया. जबकि भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगीका और भूमिज को बाहर कर दिया गया.राजद का कहना है कि ये भाषाएं रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, देवघर, गोड्डा, गिरिडीह, कोडरमा, चतरा, पलामू और संथाल परगना जैसे इलाकों में लाखों लोग बोलते हैं. राजद ने यह भी कहा कि 18 फरवरी 2022 की सरकारी अधिसूचना में भी इन भाषाओं को बाहर रखा गया, जबकि बाकी भाषाओं को शामिल किया गया. यह सरासर भेदभाव है.राजद ने राज्यपाल से अपील की है कि वे सरकार को निर्देश दें कि सभी 17 दूसरी राजभाषाओं को समान रूप से क्षेत्रीय भाषा का दर्जा दिया जाए, ताकि सभी भाषाओं को बराबर सम्मान और अवसर मिल सके. पार्टी ने यह भी कहा कि अगर सरकार ने इस पर जल्द फैसला नहीं लिया, तो वह जन आंदोलन शुरू करेगी.

 

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