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RMC : 700 करोड़ खर्च करने के बाद भी सफाई में सुधार नहीं, अब एजेंसी CDC, ZONTA पर भी उठे सवाल

Ranchi : स्वच्छ भारत मिशन के तहत रांची शहर को स्वच्छता में भले ही बेहतर रैकिंग मिलती रही हो. लेकिन जमीनी सच्चाई काफी अलग है. राज्य गठन के बाद रांची शहर को स्वच्छ और बेहतर बनाने के लिए अब तक 700 करोड़ रुपये तक खर्च किये गये हैं. पहले रांची नगर निगम, फिर प्राइवेट कंपनी एटूजेड और उसके बाद एस्सेल इंफ्रा को शहर की सफाई का जिम्मा दिया गया. लेकिन शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने का सभी का दावा फेल साबित हुआ. पार्षदों के लगातार">https://lagatar.in/">लगातार

 विरोध को देख अंतिम एजेंसी एस्सेल इंफ्रा से सफाई काम लेकर निगम ने फिर से काम शुरू किया. जब निगम फिर से फेल साबित हुआ तो फिर से तीन कंपनियों का चयन किया गया. काम मिला सीडीसी ट्रस्ट, जोनटा और गेल इंडिया को. हर कंपनी के कामों को क्षेत्रानुसार बांटा गया. लेकिन आज की सीडीसी और जोनटा की सफाई काम पर सवाल उठने लगे हैं. इसे भी पढ़ें -हाईकोर्ट">https://lagatar.in/chief-justice-administered-oath-to-four-new-judges-of-high-court/">हाईकोर्ट

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डोर डू डोर कचरा उठाव, RFID चिप इंस्टाल करने का काम था प्रमुख

सीडीसी डोर-टू-डोर कचरा उठाने का काम करेगी. प्रत्येक घर से कचरा उठाने पर निगम कंपनी को हर माह 25 रुपये का भुगतान करेगी. डोर-टू-डोर कचरा संग्रहित करने के लिए एजेंसी घर में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन मशीन (RFID चिप) इंस्टॉल करेगी. इसका शुल्क लोगों को नहीं देना होगा. होल्डिंग टैक्स देनेवाले दो लाख घरों में कंपनी की ओर से मशीन इंस्टॉल की जायेगी. एजेंसी जोनटा कचरा ट्रांसफर स्टेशन (एमटीएस) से डंपर के माध्यम से कचरा उठायेगी और झिरी में डंप करेगी.

कंपनी काम की जानकारी तक नहीं देती - पार्षदों

पार्षदों का आरोप है कि जोनल सुपरवाइज़र, सुपरवाइजर व वार्ड स्तर पर सफाई का काम कर रही निजी एजेंसी उनके संपर्क में नहीं हैं. सफाई व्यवस्था को लेकर निगम के माध्यम से क्या कार्य कराए जा रहे हैं, इसकी जानकारी भी नहीं दी जा रही है. सीडीसी के प्रतिनिधि डोर टू डोर कूड़ा उठाव के नाम पर मनमाने तरीके से यूजर चार्ज की वसूली कर रहे हैं.

लगाना था 2 लाख घरों में RFID चिप, लगा अबतक केवल 2500 घरों में

इसी तरह सीडीसी को हर घरों में RFID चिप इंस्टाल करना था. लेकिन काम लेने के 10 माह बाद कंपनी केवल 2500 घऱों में ही यह लगा पायी है. इस हिसाब से काम करें, तो पांच साल में भी कंपनी 2 लाखों का टारगेट पूरा नहीं कर पाएगी.

झिरी में भूमि अधिग्रहण का विरोध शुरू

तीसरी एजेंसी गेल इंडिया को झिरी में डंप कचरे के निष्पादन का जिम्मा मिला है. इसके लिए गेल इंडिया झिरी में एक कचरा प्रोसेसिंग प्लांट लगाएगी. निगम ने एजेंसी को 7 एकड़ जमीन भी आवंटित कर दिया है. पर भूमि अधिग्रहण को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा विरोध भी शुरू हो गया है.

मेयर आज करेंगी सीडीसी और जोनटा संग सफाई पर बैठक

पार्षदों के लगाये आरोप और शहर की बदहाल सफाई व्यवस्था को लेकर मेयर आशा लकड़ा शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक करने वाली हैं. बैठक को भले ही पूजा त्योहार से जोड़ कर देखा जा रहा है. लेकिन निगम सूत्रों की मानें तो दोनों एजेंसियों पर लग रहे आरोपों पर भी मेयर जानकारी लेंगी. इसे भी पढ़ें –RBI">https://lagatar.in/rbi-hikes-transaction-limit-customers-will-be-able-to-transfer-rs-5-lakh-in-a-day-instead-of-rs-2-lakh/">RBI

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