alt="" width="300" height="225" /> टोकलो-डुकरी-गूंजा मुख्य मार्ग की ग्रामीणों ने श्रमदान कर मरम्मत की.[/caption]
पश्चिम सिंहभूम के ग्रामीण क्षेत्रों की सड़क जर्जर, पत्राचार के बाद भी नहीं होती सुनवाई

Chaibasa : पश्चिम सिंहभूम के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की दुर्दशा से ग्रामीण परेशान हैं. लगातार पत्राचार के बावजूद भी ग्रामीण सड़कों का विकास नहीं हो रहा है. हालांकि जिला परिषद के फंड से कई स्थानों पर सड़कों का निर्माण हो चुका है. लेकिन उसकी अवधि सिर्फ दो से तीन साल ही होती है. सदर प्रखंड के कुरसी पंचायत, तुईबीर पंचायत, टोंटो पंचायत समेत लगभग 10 पंचायत के कई गांव में सड़कों का निर्माण नहीं हुआ है. खूंटपानी प्रखंड के भी कई गांव ऐसे हैं जहां सड़क नहीं है. बारिश के दिनों में गांव के अंदर पानी भर जाता है. जिसके कारण काफी परेशानी होती है. वहीं, चक्रधरपुर प्रखंड के टोकलो-डुकरी-गूंजा मुख्य मार्ग का हाल पूरी तरह से बेहाल है. टोकलो में प्रत्येक सप्ताह बड़े स्तर पर हाट लगता है. उसी के पास से उक्त सड़क गुजरती है. लेकिन सड़क इतनी जर्जर हो गयी है कि वहां से अवागमन बेहद मुश्किल है. मुख्य मार्ग होने के कारण वहां से लोगों का आना मजबूरी है. उस मार्ग से लगभग 20 से अधिक गांव के लगभग 10 हजार से अधिक लोगों का रोजाना आवागमन होता है. लेकिन इसका विकास नहीं हुआ है. भरनिया मुखिया ने कई बार इसको लेकर उपायुक्त को पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक किसी तरह की पहल नहीं की गई है. बारिश के दिनों में सड़क से आवागमन पूरी तरह बाधित रहती है. लोग मजबूरन खेतों के रास्ते आवागमन करते हैं. वहीं मझगांव प्रखंड के अधिकारी पंचायत के अधिकारी गांव से ओड़िशा सीमा तक मुख्य सड़क चार किमी पूरी तरह से जर्जर है. इसी पंचायत के अंबाईमर्चा के कुजाकुटू चौक से रोटीबासंग गांव तक तीन किमी सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. वहीं देलगापड़ा से ढोसाई गांव तक सड़क ही नहीं है. यह चार किमी का रास्ता है. लगातार जनप्रतिनिधियों से निर्माण कराने की मांग की जाती है लेकिन निर्माण नहीं होता है. [caption id="attachment_181834" align="aligncenter" width="300"]
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alt="" width="300" height="225" /> टोकलो-डुकरी-गूंजा मुख्य मार्ग की ग्रामीणों ने श्रमदान कर मरम्मत की.[/caption]
alt="" width="300" height="225" /> टोकलो-डुकरी-गूंजा मुख्य मार्ग की ग्रामीणों ने श्रमदान कर मरम्मत की.[/caption]
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