– सड़कों की गुणवत्ता को लेकर शिकायत मिलने पर संबंधित इंजीनियर और ठेकेदार पर होगी कार्रवाई
– फॉरेस्ट क्लीयरेंस की वजह से लंबित 13 सड़क परियोजनाओं की सीएम ने विशेष रूप से की समीक्षा
Ranchi: प्रदेश में प्रमुख सड़कों के किनारे हेलीपैंड बनेंगे, ताकि दुर्घटना में घायलों को तत्काल एयर लिफ्ट कराकर अस्पताल लाया जा सके. कहां-कहां हेलीपैड बनेंगे, इसके लिए जल्द ही लोकेशन चिह्नित किए जाएंगे. सीएम हेमंत सोरेन ने ऐसे लोकेशन चिह्नित करने का निर्देश दिया है, जो हेलीपैड निर्माण के लिए उपयुक्त हों. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बुधवार को पथ निर्माण विभाग की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने हेलीपैड से संबंधित कार्ययोजना बनाने और उसपर गंभीरता से काम करने का निर्देश दिया. सीएम ने कहा कि बेहतर सड़कों के नेटवर्क से विकास को गति मिलती है. ऐसे में अच्छी सड़कों के निर्माण पर सरकार का विशेष जोर है. उन्होंने पथ निर्माण विभाग की उच्च स्तरीय बैठक में विभिन्न सड़क परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. फॉरेस्ट क्लीयरेंस की वजह से लंबित 13 सड़क परियोजनाओं पर विशेष रूप से चर्चा की. सीएम ने अधिकारियों से कहा कि सड़कों का निर्माण तय समय पर पूरा हो, इसका ख्याल रखा जाए. अगर सड़कों की गुणवत्ता को लेकर कोई शिकायत मिलती है, तो संबंधित इंजीनियर और ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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फॉरेस्ट क्लीयरेंस की वजह से लंबित सड़क परियोजनाओं की ली जानकारी
मुख्यमंत्री को पथ निर्माण विभाग के सचिव ने बताया कि राज्य में फॉरेस्ट क्लीयरेंस से संबंधित 13 सड़क परियोजनाएं हैं. इनमें पांच के लिए वन विभाग द्वारा एनओसी दिया जा चुका है, जबकि 8 सड़क परियोजनाएं फॉरेस्ट क्लीयरेंस की वजह से अटकी हुई हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वन और पथ निर्माण विभाग आपस में समन्वय बनाकर इसका निदान निकालें, ताकि सड़कों के निर्माण में आ रही अड़चनें दूर हो सकें.
15 हजार किलोमीटर बननी हैं ग्रामीण सड़कें
सीएम ने कहा कि राज्य में 15 हजार किलोमीटर लंबी ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया जाना है. ऐसे में इन सड़कों के निर्माण में तेजी लाने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण सड़कों की क्वालिटी और मजबूतीकरण से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा. कई बार शिकायत मिलती है कि एक तरफ सड़कें बन रहीं हैं और दूसरी तरफ से उखाड़ भी रही हैं. ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसमें जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ सरकार एक्शन लेगी. मौके पर अधिकारियों ने बताया कि 15 हजार किलोमीटर लंबी ग्रामीण सड़कों में से 6 हजार किलोमीटर सड़कों का डीपीआर तैयार हो चुका है और 3 हजार किलोमीटर सड़क निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है.
सड़क निर्माण की मॉनिटरिंग की व्यवस्था हो
सीएम ने कहा कि राज्य में जो भी सड़कें बना रही हैं, उसके निर्माण की मॉनिटरिंग होनी चाहिए. इस सिलसिले में एक पोर्टल पर सड़कों के निर्माण की लाइव वीडियो अपलोड की जाए, ताकि उसकी क्वालिटी और निर्माण की गति की पल-पल जानकारी मिलती रहे.
ये अधिकारी बैठक में मौजूद रहे
उच्च स्तरीय बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, अपर मुख्य सचिव एल खियांगते, पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव सुनील कुमार, आईजी एवी होमकर, पीसीसीएफ संजय कुमार और पीसीसीएफ शशिकर सामंता मौजूद थे.
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