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धनबाद में अंडर ग्राउंड केबलिंग के नाम पर सड़कें हो रही बर्बाद

  Dhanbad:  जेबीवीएनएल अंडरग्राउंड केबल बिछाने के नाम पर शहर की सड़कों को बर्बाद कर रहा है. केबल बिछाने के बाद ना तो ठीक से मिट्टी की भराई की जा रही है और न ही सड़क की ढलाई की जाती है. हीरापुर, चिरागोड़ा, बिनोद नगर, हाउसिंग कॉलोनी, पुलिस लाइन, मनईटांड़, पुराना बाजार आदि स्थानों पर पीसीसी सड़कों की बर्बादी का खेल जारी है. करोड़ों रुपये खर्च कर सड़क किनारे बिछाई गये पेबर ब्लॉक भी अब गायब हो चुके हैं. सब कुछ जानने के बाद भी नगर निगम के अधिकारी मौन हैं. अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अंडर ग्राउंड केबलिंग से पहले जेबीवीएनएल ने कितने वार्ड का एनओसी लिया है, निगम के पास इसका भी डाटा नहीं है. बावजूद निगम के अधिकारी समय समय पर कार्रवाई करने का दावा कर रहे हैं.

उपायुक्त के आदेश का भी नहीं हुआ असर

शहर में अंडर ग्राउंड केबलिंग का काम पिछले ढाई साल से चल रहा है. फर्स्ट फेज में मुख्य सड़कों से गुजरने वाले बिजली के तार को अंडरग्राउंड किया गया. हालांकि यह काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है. वहीं सेकेंड फेज में शहर के वार्डो में अंडर ग्राउंड केबलिंग की जा रही है. इन दोनों फेज में कालीकृत और पीसीसी सड़क बर्बादी की भेंट चढ़ चुकी है. आज भी पहले किये गए गड्ढे उसी रूप में पड़े हैं. अक्सर इन गड्ढों में गिरकर लोग जख्मी भी हो रहे हैं. पिछले माह सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में उपायुक्त ने बिना अनुमति सड़क किनारे गड्ढे खोदने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. परंतु निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की और ना ही पथ निर्माण ही इस मामले में कुछ करता नजर आ रहा है.

           क्या कहता है नियम

सड़क किनारे गड्ढा खोदने से पहले कंपनी या एजेंसी को संबंधित विभाग से एनओसी लेना अनिवार्य है. विभाग, एनओसी इस शर्त पर देता है कि सड़क खुदाई करने के बाद उसे ठीक भी करना होगा. ऐसा नहीं करने पर एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान है. परंतु इस नियम का शायद ही पालन होता है. सरकारी विभाग एक दूसरे पर दोषारोपण कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. यही वजह है कि करोड़ों की लागत से बनी सड़कें छह माह भी नहीं टिक पाती हैं.

इन कारणों से भी सड़कें होती रही हैं बर्बाद

पिछले साल पानी की पाइप बिछाने के दौरान भी सड़कों की सूरत बिगड़ गई थी. मोबाइल टावर लगाने के नाम पर भी हर साल सड़कों पर गड्ढे खोद दिए जाते हैं. अधिकारी कंपनियों के साथ सेटलमेंट कर लेते हैं. बर्बादी रोकने के लिये तत्कालीन मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने इंटीग्रेटेड सड़क बनाने का काम शुरू किया था, जिसमें रोड नाली के साथ अंडरग्राउंड केबल के लिये अलग लाइन बनाने की बात कही थी. लेकिन आज तक वह लाइन कहीं नहीं दिखी. हर साल अब भी सड़कों पर गड्ढे खोदे जा रहे हैं.

एक साथ होगी रिपेयरिंग : एस बी तिवारी

जेबीवीएनएल कार्यपालक अभियंता शैलेंद्र भूषण तिवारी का कहना है कि शहर में अंडरग्राउंड केबलिंग से पूर्व निगम से एनओसी लिया गया है. काम पूरा होने के बाद एक साथ सभी सड़कों की रिपेयरिंग करा दी जाएगी.

 एनओसी लेना अनिवार्य : मो अनीस

धनबाद नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी मो अनीस ने कहा कि शहरी क्षेत्र में बिजली के तार या अन्य किसी कार्य से पहले निगम से एनओसी लेना अनिवार्य है. ऐसा नहीं करने वाली एजेंसी के खिलाफ हम लोग समय समय पर कार्रवाई करते हैं. यह भी पढ़ें : धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-qr-code-system-for-auto-drivers-failed-within-four-months/">धनबाद

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