रोहिणी ने आरोप लगाया कि जांच के नाम पर बार-बार पूछताछ का एकमात्र मकसद बेवजह प्रताड़ित करना है. अब यह जगजाहिर हो चुका है कि ईडी-सीबीआई दिल्ली की सत्ता पर काबिज पूंजीपतियों, सामंतवादियों और मनुवादियों की हिमायती सरकार की महज कठपुतली नहीं, बल्कि जेबी संस्थाएं हैं.
उन्होंने सवाल उठाया कि "लालू यादव, राबड़ी देवी और परिवार के अन्य सदस्यों को बार-बार समन भेजने का क्या औचित्य है?" रोहिणी ने आरोप लगाया कि यह सब प्रतिशोध की कार्रवाई है और ईडी-सीबीआई का मकसद जांच नहीं, बल्कि सिर्फ प्रताड़ना है.
आचार्य ने स्पष्ट किया कि निराधार मुकदमे में जानने के लिए कुछ नहीं है. मकसद संविधान की रक्षा और देशहित के लिए संघर्षरत सबसे सशक्त आवाज को प्रताड़ित करना है. उन्होंने कहा कि लालू यादव की असीम लोकप्रियता और मजबूत जनाधार के कारण फासीवादी ताकतें उनसे डरती हैं.
रोहिणी ने चेतावनी दी कि अगर सत्ता प्रायोजित प्रताड़ना के कारण लालू यादव के साथ कुछ भी ऊंच-नीच होता है, तो इसका देशव्यापी प्रतिकार होगा, जो कायरों की जमात से संभल नहीं सकेगा. उन्होंने अंत में कहा कि जय लालू, जय राजद, जय बिहार, जय हिंद.
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