Ranchi: झारखंड पुलिस की दिवंगत एसआई रूपा तिर्की प्रकरण में अभियुक्त डीएसपी प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी पर रोक लग गई है. झारखंड हाईकोर्ट ने फिलहाल उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई है. अदालत ने उन्हें अंतरिम राहत देते हुए जांच में सहयोग करने का आदेश दिया है. झारखंड हाईकोर्ट में अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने प्रमोद मिश्रा की ओर से पक्ष रखा है. दिवंगत रूपा तिर्की की मां द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के मद्देनजर डीएसपी प्रमोद मिश्रा ने उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई रद्द करने के लिए झारखंड उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी. निचली अदालत के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.
प्रमोद मिश्रा की याचिका सीआरएमपी 1988/2022 पर न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की अदालत के समक्ष सुनवाई हुई है. जिन्होंने रूपा तिर्की की संदिग्ध हत्या की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. इस मामले में दूसरे आरोपी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा हैं.
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कई बार रूपा तिर्की की मौत के बाद उनके दोस्त शिव कुमार कनौजिया से उनकी कुछ निजी बातचीत वायरल हो गई थी. परिवार ने आरोप लगाया कि डीएसपी ने उनकी छवि खराब करने के लिए ऑडियो क्लिप लीक किया. सबसे बुरा हाल तब हुआ जब एक निजी शख्स से डीएसपी की टेलीफोन पर हुई बातचीत का एक और ऑडियो वायरल कर दिया. ऑडियो में डीएसपी को रूपा तिर्की के चरित्र पर आरोप लगाते हुए और अश्लील टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है. पद्मावती उरैन ने साहिबगंज जिले के बरहरवा के डीएसपी के पद पर तैनात प्रमोद मिश्रा के खिलाफ रांची के एसटी-एससी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. इसमें उन्होंने पंकज मिश्रा का भी नाम लिया.
अब एसटी-एससी थाने ने नोटिस भेजकर पद्मावती उरैन को सुनवाई के दिन हाईकोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखने को कहा है. पद्मावती की बेटी निर्मला ने कहा कि 5 जुलाई को उन्हें एससी-एसटी थाने में बुलाया गया और उन्हें नोटिस दिया गया.
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यदि एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोपी जमानत, आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने जैसी किसी राहत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाता है, तो कानून के तहत अदालत को कोई राहत देने से पहले पीड़ित पक्षों को सुनना जरूरी है.