कांग्रेस के नये कार्यालय के उद्घाटन अवसर पर राहुल ने कहा, आप मानते हैं कि यह सिर्फ भाजपा या आरएसएस जैसे राजनीतिक संगठन के खिलाफ है, तो समझ लीजिए कि उन्होंने हमारे देश की लगभग हर संस्था पर कब्जा कर लिया है, हमारी लड़ाई भारतीय राज्यों से भी है.
NewDelhi : RSS प्रमुख मोहन भागवत ने संविधान पर हमला किया है. यह देशद्रोह है और संविधान का अपमान है. यह बयान राहुल गांधी का है. वह दिल्ली में पार्टी के नये कार्यालय के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे. बता दें कि आज बुधवार को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस के नये कार्यालय का उद्घाटन किया. इसी कार्यक्रम में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मोहन भागवत पर निशाना साधा.
✨ 𝐋𝐢𝐠𝐡𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐰𝐚𝐲 𝐭𝐨 𝐩𝐫𝐨𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬, 𝐩𝐫𝐨𝐬𝐩𝐞𝐫𝐢𝐭𝐲 𝐚𝐧𝐝 𝐞𝐪𝐮𝐚𝐥𝐢𝐭𝐲 ✨
📍 Indira Bhawan, New Delhi pic.twitter.com/8sIZ5jAOQ5
— Congress (@INCIndia) January 15, 2025
Our ideology did not emerge yesterday. Our ideology, like the RSS’ ideology, is thousands of years old. It has been fighting the RSS ideology for thousands of years.
We have our symbols. We have Shiva; we have Buddha; we have Guru Nanak; we have Kabir; and we have Mahatma… pic.twitter.com/ZhHGxSPlpX
— Congress (@INCIndia) January 15, 2025
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- जब राम मंदिर बना, तब देश को आजादी मिली।
वहीं नरेंद्र मोदी को लगता है कि जब 2014 में वे प्रधानमंत्री बने, तब देश को आजादी मिली।
यह शर्म की बात है।
RSS-BJP के लोगों को आजादी का दिन इसलिए याद नहीं, क्योंकि उन लोगों ने देश की आजादी में कोई योगदान… pic.twitter.com/EVz8P7hhCs
— Congress (@INCIndia) January 15, 2025
एक हमारा संविधान का विचार है, दूसरा आरएसएस का विचार है
राहुल गांधी ने इस क्रम में कहा, कल मोहन भागवत ने कहा कि संविधान हमारी स्वतंत्रता का प्रतीक नहीं है. कहा कि पंजाब, कश्मीर, पूर्वोत्तर में हमारे हजारों कार्यकर्ता मारे गये. मगर कांग्रेस फिर भी कुछ खास मूल्यों के लिए खड़ी रही है. हम इस इमारत में उन मूल्यों को देख सकते हैं. राहुल ने कहा, पश्चिमी दुनिया खुद से बाहर ध्यान केंद्रित करती है, जबकि भारतीय सोच का तरीका स्वयं को समझने के बारे में है. भारत में भी स्वयं के बारे में दो दृष्टिकोण हैं, जो संघर्ष है. मोहन भागवत पर हमलावर होते हुए कहा, एक हमारा संविधान का विचार और दूसरा आरएसएस का विचार है.
भागवत ने संविधान को अमान्य करार दिया, इसका मतलब अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई अमान्य थी
राहुल गांधी ने कहा, मोहन भागवत हर 2-3 दिन में देश को यह बताते कि कोशिश करते हैं कि स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान के बारे में उनकी क्या सोच हैं? कल उन्होंने जो कहा वह देशद्रोह है. भागवत ने संविधान को अमान्य करार दिया. इसका मतलब अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई अमान्य थी. भारत में उन्हें(मोहन भागवत) सार्वजनिक रूप से ऐसी बात कहने की हिम्मत है. किसी अन्य देश में अगर वे ऐसा बोलते तो गिरफ्तार हो जाते और उन पर मुकदमा चलाया जाता. राहुल गांधी ने कहा कि यह कहना कि भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली.. हर भारतीय का अपमान है. समय आ गया है कि हम इस बकवास को सुनना बंद करें, क्योंकि ये लोग सोचते हैं कि वे बस रटते रहेंगे और चिल्लाते रहेंगे.
आज जो लोग सत्ता में हैं, वे तिरंगे को सलाम नहीं करते
राहुल गांधी यहीं नहीं रुके…केंद्र की मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा, आज जो लोग सत्ता में हैं, वे तिरंगे को सलाम नहीं करते, राष्ट्रीय ध्वज को, संविधान को नहीं मानते. कहा कि भारत के बारे में उनका नजरिया हमसे बिल्कुल अलग है. वे चाहते हैं कि भारत को एक छायादार, छिपा हुआ और गुप्त समाज चलाये. वे इस देश की आवाज को कुचलना चाहते हैं. वे दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ी जातियों और आदिवासियों की आवाज बंद करना चाहते हैं. उनका यही एजेंडा है. राहुल ने कहा, इस देश में कोई भी दूसरी पार्टी नहीं है जो आरएसएस-भाजपा रोक सके. उन्हें रोकने वाली एकमात्र पार्टी कांग्रेस है. हमारी पार्टी एक वैचारिक पार्टी हैं. कहा कि हमारी विचारधारा आरएसएस की तरह हजारों साल पुरानी है. हम हजारों सालों से आरएसएस की विचारधारा से लड़ रहे हैं. लड़ते रहेंगे…
कांग्रेस पार्टी की लड़ाई अब (इंडियन स्टेट) भारतीय राज्य की मशीनरी के खिलाफ भी है
राहुल गांधी ने भाजपा आरएसएस और उनके सहयोगियों पर व्यवस्थित रूप से भारत के संस्थानों पर कब्जा करने का आरोप लगाया. राहुल गांधी ने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी की लड़ाई अब राजनीतिक विरोधियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि (इंडियन स्टेट) भारतीय राज्य की मशीनरी के खिलाफ है. राहुल गांधी ने कहा, ऐसा मत सोचिए कि हम निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं. अगर आप मानते हैं कि यह सिर्फ भाजपा या आरएसएस जैसे राजनीतिक संगठन के खिलाफ है, तो समझ लीजिए कि उन्होंने हमारे देश की लगभग हर संस्था पर कब्जा कर लिया है, अब हमारी लड़ाई भारतीय राज्यों से भी है.
हमारे पास अपने प्रतीक हैं, हमारे पास शिव हैं, बुद्ध हैं
राहुल गांधी ने कहा, हमारे पास अपने प्रतीक हैं. हमारे पास शिव हैं, हमारे पास बुद्ध हैं, हमारे पास गुरु नानक हैं, हमारे पास कबीर हैं, और हमारे पास महात्मा गांधी हैं. ये सभी प्रतीक हैं जिन्होंने इस देश को सही रास्ता दिखाया है. कृपया आरएसएस की विचारधारा का एक प्रतीक बताएं जो आज भारत में पूजनीय है. क्या गुरु नानक आरएसएस की विचारधारा से थे? क्या बुद्ध आरएसएस की विचारधारा से थे? क्या कृष्ण भगवान आरएसएस की विचारधारा से थे? एक भी नहीं. क्योंकि इनमें से हर एक व्यक्ति ने समानता और भाईचारे के लिए लड़ाई लड़ी. आखिरी बात जो मैं कहना चाहूंगा वो ये है कि ये इमारत हमारे कार्यकर्ताओं के खून से बनी है, हमारे हर एक नेता के खून से बनी है. इसमें आप सभी शामिल हैं, जो आज कांग्रेस पार्टी के विचार का बचाव कर रहे हैं.
मोदी को लगता है कि जब 2014 में वे प्रधानमंत्री बने, तब देश को आजादी मिली
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोहन भागवत पर हमलावर होते हुए कहा कि उनको लगता है कि जब राम मंदिर बना, तब देश को आजादी मिली. वहीं नरेंद्र मोदी को लगता है कि जब 2014 में वे प्रधानमंत्री बने, तब देश को आजादी मिली. यह शर्म की बात है. RSS-BJP के लोगों को आजादी का दिन इसलिए याद नहीं, क्योंकि उन लोगों ने देश की आजादी में कोई योगदान नहीं दिया. कांग्रेस को आजादी इसलिए याद है, क्योंकि हमारे लोगों ने आजादी के लिए अपनी जान दी, ठोकरें खाईं और घर छोड़े. इसलिए मैं मोहन भागवत जी के बयान की निंदा करता हूं.
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