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जानें किन-किन कॉलेजों का होगा संरचनात्मक विकास
56 करोड़ खर्च कर जिन महाविद्यालयों का संरचनात्मक विकास किया जायेगा, उसमें दुमका का संथाल परगना महिला महाविद्यालय, गिरीडीह का आर. के. महिला कॉलेज, बोकारो का बोकारो महिला कॉलेज, गोड्डा का महिला महाविद्यालय, पूर्वी सिंहभूम का बहरागोड़ा कॉलेज, रामगढ़ का रामगढ़ कॉलेज, रांची का जगन्नाथ कॉलेज, पश्चिमी सिंहभूम स्थित चाईबासा का महिला कॉलेज, चतरा का राम नारायण मेमोरियल कॉलेज, पाकुड़ का कुमार कालिदास मेमोरियल कॉलेज, हजारीबाग का मार्खम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, साहेबगंज का सांहेबगंज कॉलेज, पलामू का योध सिंह नामधारी महिला कॉलेज, हजारीबाग स्थित बरही का राम नारायण मेमोरियल कॉलेज शामिल है. इसे भी पढ़ें -क्रूड">https://lagatar.in/crude-oil-became-cheaper-by-7-point-34-if-companies-reduce-the-price-of-petrol-and-diesel-then-rs-8-fuel-gets-cheaper/">क्रूडऑयल 7.34 डॉलर हुआ सस्ता, अगर कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दाम घटाती तो 8 रु. तक सस्ते हो जाते ईंधन
2022 तक उच्च शिक्षा में 32 प्रतिशत जीईआर का रखा गया है लक्ष्य
राज्य में स्थित महाविद्यालयों के संरचनात्मक विकास का उद्देश्य राज्य में उच्च शिक्षा को बेहतर बनाना है. इसके लिए केंद्र प्रायोजित योजना “राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान (RUSA)” संचालित है. योजना द्वारा उच्च शिक्षा के सर्वांगीण विकास एवं गुणात्मक शिक्षा के साथ Access, Equity और Quality प्राप्त किया जाना है. वहीं राज्य में उच्च शिक्षा का सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) 18 प्रतिशत है. जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 25.8 प्रतिशत है. RUSA के तहत राज्य सरकार द्वारा जीईआर को 2022 तक 32 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है. इसे भी पढ़ें -आय">https://lagatar.in/disproportionate-assets-case-cbi-files-chargesheet-against-khadi-official-sunil-kumar/">आयसे अधिक संपत्ति मामला : CBI ने खादी के पदाधिकारी सुनील कुमार के खिलाफ दायर की चार्जशीट
56 करोड़ खर्च कर महाविद्यालयों का होगा नवनिर्माण, मरम्मति और जीर्णोंद्धार
प्रति महाविद्यालय 4 करोड़ खर्च (कुल 56 करोड़) कर संस्थान में निम्न तरह का संरचनात्मक विकास किया जाएगा.- महाविद्यालयों का नवनिर्माण, मरम्मति एवं जीर्णोद्धार तथा विभिन्न सामग्रियों का क्रय करना.
- महाविद्यालयों में क्लास रूम, लाइब्रेरी, लेब्रोरेटरी, फैकल्टी रूम, टॉयलेट के साथ तकनीकि विकास के हर कामों पर खर्च.
- महाविद्यालयों में विशेषतौर पर महिला हॉस्टल, महिला टॉयलेट, दिव्यांग जनों के लिए विशेष सुविधा और उपकरण पर खर्च.
- नवनिर्मित महिला हॉस्टलों का 50 प्रतिशत सीट सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की छात्राओं के लिए आरक्षित किये जाएंगे.
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