UN : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस की सुरक्षा परिषद की बैठक में अपनी घोषणा के कुछ ही घंटों के भीतर पूर्वी यूक्रेन के विद्रोही इलाकों डोनेट्स्क और लुहान्स्क को अलग देश के रूप में मान्यता दे दी. अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी ने इस पर नाराजगी भी जताई लेकिन पुतिन ने देखते ही देखते अगला बड़ा आदेश जारी कर दिया.
मास्को पर नये प्रतिबंध लगायेगा अमेरिका
अमेरिका ने कहा कि वह मंगलवार को मास्को पर नये प्रतिबंध लगायेगा. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा था कि हम रूस के आज के फैसलों को देखते हुए कल नये प्रतिबंधों की घोषणा करने की योजना बना रहे हैं. हम सहयोगियों के साथ इस संबंध में चर्चा कर रहे हैं.
सुरक्षा राष्ट्र परिषद की इमरजेंसी मीटिंग
रूस-यूक्रेन में बढ़ते तनाव के बीच आज सुरक्षा राष्ट्र परिषद (United Nations Security Council) की इमरजेंसी मीटिंग हुई. इसमें भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि रूस के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है. इन घटनाक्रमों में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है. हम सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं.
भारतीयों की सलामती हमारी प्राथमिकता है
हमें विश्वास है कि इस मुद्दे को केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है. भारत ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा आवश्यक है. कहा कि 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते और पढ़ते हैं. भारतीयों की सलामती हमारी प्राथमिकता है.
जान लें कि रूस द्वारा पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को अलग देश के रूप में स्वतंत्र मान्यता देने के बाद युद्ध की आशंका बढ़ गयी है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आज हुई इमरजेंसी बैठक में भारत ने यूक्रेन में फंसे अपने नागरिको की सुरक्षा को सबसे ज्यादा अहमियत दी. साथ ही कहा कि इस समस्या का हल राजनयिक बातचीत के जरिये निकाला जाना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख रूसी संघ के फैसले से चिंतित
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दो पूर्वी यूक्रेनी अलगाववादी क्षेत्रों को स्वतंत्र सोमवार के रूप में मान्यता देने के रूस के कदम को कीव की संप्रभुता के उल्लंघन के रूप में निंदा की. उनके प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक बयान में कहा कि महासचिव यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्रों के कुछ क्षेत्रों की स्थिति से संबंधित रूसी संघ के फैसले से बहुत चिंतित हैं. महासचिव रूसी संघ के निर्णय को यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों के साथ असंगत मानते हैं.
यूक्रेन की अखंडता का उल्लंघन : ब्रिटेन
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा कि रूस का अलगाववादी कदम यूक्रेन की अखंडता का उल्लंघन है. पीएम बोरिस जॉनसन ने सोमवार को अलगाववादी गणराज्यों की रूस की मान्यता को यूक्रेन की संप्रभुता और अखंडता का उल्लंघन करार दिया. उन्होंने शांति समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों की स्वतंत्रता की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मान्यता मिन्स्क समझौतों का उल्लंघन है.
ब्रिटिश विदेश सचिव लिज़ ट्रस ने कहा कि पुतिन का कदम मिन्स्क प्रक्रिया के अंत का संकेत देता है और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है. ट्रस ने ट्वीट किया कि हम रूस द्वारा अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के उल्लंघन को यू ही नहीं जाने देंगे.
रूस यूक्रेन की नाटो की सदस्यता का विरोध कर रहा है
जान लें रूस यूक्रेन की नाटो की सदस्यता का विरोध कर रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन पहले ही रूस को चेता चुके हैं कि अगर उसने यूक्रेन पर हमला किया, तो नतीजे गंभीर होंगे. दूसरी तरफ यूक्रेन भी झुकने को तैयार नहीं है. उसके सैनिकों को नाटो की सेनाएं ट्रेनिंग दे रही हैं. अमेरिका को डर है कि अगर रूस से यूक्रेन पर कब्जा कर लिया, तो वो उत्तरी यूरोप की महाशक्ति बनकर आएगा. इससे चीन को शह मिलेगी.
नॉर्थ अटलांटिक ट्रिटी ऑर्गेनाइजेशन के बारे में जानें
नॉर्थ अटलांटिक ट्रिटी ऑर्गेनाइजेशन(नाटो) की स्थापना 4 अप्रैल 1949 को 12 संस्थापक सदस्यों ने अमेरिका के वॉशिंगटन में की थी. यह एक अंतर- सरकारी सैन्य संगठन है. इसका मुख्यालय बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में अवस्थित है. वर्तमान में इसके सदस्य देशों की संख्या 30 है. इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य पश्चिम यूरोप में सोवियत संघ की साम्यवादी विचारधारा को रोकना था. इसमें फ्रांस, बेल्जियम,लक्जमर्ग, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, आइसलैण्ड, इटली,नार्वे, पुर्तगाल, अमेरिका, पूर्व यूनान, टर्की, पश्चिम जर्मनी और स्पेन शामिल हैं.