निंदा प्रस्ताव पारित नहीं हो सका
जान लें कि रूस के बेहद करीब आ चुके चीन ने भारत की तरह वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीति से भारत के बेहद करीब आ चुके संयुक्त अरब अमीरात ने भी यही फैसला लिया. रूस ने वीटो का इस्तेमाल किया. निंदा प्रस्ताव पारित नहीं हो सका. इसे भी पढ़ें : यूक्रेन">https://lagatar.in/ukraines-president-zelensky-pleads-for-international-help-kiev-stunned-by-the-explosions/">यूक्रेनके राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय मदद के लिए लगायी गुहार, विस्फोटों से दहला कीव
हमें हार नहीं माननी चाहिए : एंटोनियो गुटरेस
इस क्रम में यूएन महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने ट्वीट किया, यूएन का गठन युद्ध के बाद युद्ध समाप्त करने के लिए हुआ था. आज वो उद्देश्य हासिल नहीं हो सका, लेकिन हमें हार नहीं माननी चाहिए, हमें शांति को एक और मौका देना चाहिए. वैसे भारत और चीन वोट करते भी तो फर्क नहीं पड़ता क्योंकि रूस के पास खुद ही वीटो पावर है. पर ज्यादा महत्वपूर्ण है अमेरिका और नाटो देशों के दबाव में न आना. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन समेत पश्चिमी नेता पीएम मोदी से तटस्थता छोड़कर पुतिन की आलोचना करने का दबाव बना रहे थे. भारत के लिए कूटनीतिक परीक्षा की घड़ी थी क्योंकि यूक्रेन पर हमले से यूएन चार्टर का उल्लंघन हुआ है. इसलिए भारत ने वोट न करने को जो कारण बताये उसके साथ-साथ ये भी कहा कि युद्ध से किसी मसले का हल नहीं निकल सकता. इसे भी पढ़ें : Russia-Ukraine">https://lagatar.in/russia-ukraine-dispute-russia-banned-the-use-of-facebook/">Russia-Ukraine"The United Nations was born out of war to end war. Today, that objective was not achieved. But we must never give up. We must give peace another chance." -- @antonioguterres">https://twitter.com/antonioguterres?ref_src=twsrc%5Etfw">@antonioguterres
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following Security Council meeting on Ukraine. https://t.co/TOCcBZIhl8">https://t.co/TOCcBZIhl8">https://t.co/TOCcBZIhl8
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— United Nations (@UN) February">https://twitter.com/UN/status/1497366161884954625?ref_src=twsrc%5Etfw">February
26, 2022
dispute : रूस ने फेसबुक के इस्तेमाल पर लगायी रोक

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