Ranchi : झारखंड के सतत विकास और न्यायसंगत ऊर्जा संक्रमण (Just Transition) के लिए समर्पित नागरिक समाज संगठनों के साझा मंच SAARTHI (झारखंड जस्ट ट्रांजिशन नेटवर्क) का आज भव्य शुभारंभ हुआ.इस अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में 30 से अधिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी रही. यह लॉन्च राज्य में जलवायु न्याय और सतत विकास की दिशा में एक निर्णायक पहल के रूप में देखा जा रहा है.
मुख्य अतिथि अबुबकर सिद्दीकी ने ये कहा
उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ट्रांजिशन एक अनिवार्य प्रक्रिया है, जिसे रोका नहीं जा सकता लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इस परिवर्तन में हर कोई साथ चले. हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर पर्यावरण और संसाधन छोड़ने होंगे. सामाजिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं को साथ लेकर, स्थानीय कौशल विकास और विश्वास निर्माण पर भी ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है
SAARTHI क्या है?
SAARTHI झारखंड में न्यायसंगत ऊर्जा संक्रमण को बढ़ावा देने वाला एक नेटवर्क है, जो पर्यावरणीय स्थिरता, सामाजिक समानता और आर्थिक लचीलापन को एक साथ लेकर चलता है. यह मंच सरकारी नीतियों, स्थानीय ज्ञान और नागरिक समाज को जोड़ते हुए प्रभावित समुदायों को सशक्त बनाता है और टिकाऊ अवसरों से जोड़ने का कार्य करता है.
SAARTHI के उद्देश्य
- जलवायु सहनशील (Climate Resilient) मॉडल को प्रोत्साहन देना
- न्यायसंगत और समावेशी ऊर्जा ट्रांजिशन को सुनिश्चित करना
- नवीकरणीय ऊर्जा और सतत गतिशीलता (Sustainable Mobility) को बढ़ावा देना
- पुराने और नए उद्योगों में डिकार्बनाइजेशन की प्रक्रिया को बढ़ाना
- समुदाय आधारित पहलों को सशक्त बनाना
- निर्णय-निर्माण में सहायक टूल्स और अनुसंधान का विकास
SAARTHI की दृष्टि (Vision)
एक ऐसा झारखंड बनाना जो कम-कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर हो, जहाँ कोई पीछे न छूटे. हाशिए पर मौजूद समुदायों को टिकाऊ आजीविका, स्वच्छ पर्यावरण और एक लचीला सामाजिक-आर्थिक ढांचा उपलब्ध हो
SAARTHI का मिशन (Mission)
समुदायों को सशक्त बनाना और नीतिनिर्माताओं सहित सभी हितधारकों को शामिल करते हुए एक समावेशी, न्यायपूर्ण और टिकाऊ ऊर्जा संक्रमण की दिशा में काम करना
उल्लेखनीय वक्तव्यों की झलक
- जॉनसन तोपनों (PHIA Foundation):
सारथी एक ऐसा मंच है जो खनन से प्रभावित समुदायों की आवाज़ को सामने लाता है. जलवायु परिवर्तन एक वास्तविकता है, और हमें यह देखना होगा कि विकास के नाम पर विस्थापित लोगों का जीवन वास्तव में कितना बदला है
- शंकर नागाचारी (CMPDI):
माइन क्लोजर फ्रेमवर्क और 'मिनरल्स अदर देन कोल' पर केंद्रित गाइडलाइंस के तहत कोल ब्लॉक्स की योजना और क्लोजर प्लान पर चर्चा आवश्यक है
- रवि रंजन (IFS):
झारखंड में 'नेट ज़ीरो एमिशन' लक्ष्य को हासिल करने के लिए वनों की भूमिका अहम है .वन आधारित अर्थव्यवस्था और जलवायु अनुकूलन पर राज्य की रणनीति साझा की गई
- उमा कान्त रजक (MLA, बोकारो):
महुआ, लाह, तेंदू पत्ता जैसे नेचर-बेस्ड उत्पादों के माध्यम से रोजगार सृजन संभव है. इसमें सरकार और सिविल सोसाइटी को मिलकर काम करना होगा.
- ए.के. रस्तोगी (चेयरमैन, जस्ट ट्रांजिशन टास्क फोर्स):
सिर्फ कोयला बंद करने से उत्सर्जन नहीं रुकेगा. हमें एक समग्र और बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाना होगा
- अंकिता (अस्मिता):
जस्ट ट्रांजिशन की अवधारणा को ग्लोबल और भारतीय संदर्भ में समझने की आवश्यकता है. सारथी की यात्रा यह दर्शाती है कि सिविल सोसाइटी इस प्रक्रिया में क्यों महत्वपूर्ण है
पैनल चर्चा के मुख्य बिंदु
कार्यक्रम के समापन पर आयोजित पैनल चर्चा में विभिन्न विषयों पर गहन विमर्श हुआ –
- पर्यावरणीय स्थिरता
- वित्तीय साक्षरता
- छोड़े गए कोल फील्ड्स में मत्स्य पालन की संभावनाएँ
- महुआ आधारित आजीविका
- संसाधनों की न्यायसंगत पहुंच और आवंटन
निष्कर्ष
SAARTHI नेटवर्क झारखंड में न्यायसंगत और टिकाऊ ऊर्जा भविष्य की दिशा में एक सशक्त पहल है. यह सिर्फ ऊर्जा क्षेत्र के तकनीकी संक्रमण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करना भी है.हर वर्ग, विशेषकर हाशिए पर मौजूद समुदायों की भागीदारी और सशक्तिकरण के साथ, यह नेटवर्क झारखंड के लिए एक नई राह का निर्माण कर रहा है.