- तीन सूत्री मांगों को लेकर दिया गया धरना
- एकल पद आरक्षण मुक्त झारखंड राज्य हो
- राज्य में 56% ओबीसी निवास करते हैं, ऐसे में 42% ओबीसी आरक्षण लागू किया जाये
- ओबीसी आरक्षण में आने वाले सभी कनीय अभियंतों को सहायक अभियंता के पद पर प्रौन्नति मिले
Ranchi : झारखंड राज्य बने 23 साल हो गये. इतने दिनों में राज्य की सभी पार्टियों के विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री और सांसदों ने सदानों को हक और अधिकार से वंचित करने की साजिश की है. ओबीसी आरक्षण लागू किये बिना ही पंचायत चुनाव करा दिया गया. उक्त बातें सदान विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद साहू ने तीन सूत्री मांगों को लेकर राजभवन के समक्ष धरने के दौरान कही. राज्य में 77 फीसदी सदान निवास करते हैं. सदान बहुल राज्य है, जहां 56% राज्य में ओबीसी है फिर भी सरकार उनके अधिकार का हनन कर रही है. (पढ़ें, स्मार्ट सिटी मिशन के 8 साल : अबतक जमीन के पेंच में ही उलझा कॉरपोरेशन, 25% भी प्लॉट नहीं हुए नीलाम)
मांगों पर विचार नहीं हुआ तो 10 दिन में होगा उग्र आंदोलन
डॉ राजेंद्र प्रसाद साहू ने कहा कि यदि सरकार और राज्यपाल हमारी मांगों पर विचार नहीं करते हैं तो प्रधान विकास पार्टी 10 दिनों के बाद राज्य में उग्र आंदोलन करेगी. राजभवन के समक्ष धरने के दौरान पार्टी के गुमला जिला अध्यक्ष सुनील कुमार भगत, रामगढ़ जिला अध्यक्ष रामेश्वर महतो, सुनील कुमार भगत, सुदेश कुमार साहू, मोहम्मद जुबेर, मोहम्मद परवेज, प्रशांत कुमार ने सभा को संबोधित किया.
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