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‘भगवा आतंकवाद’ : कांग्रेस पर बरसी भाजपा, कहा- देश पर थोपे गए झूठ का हुआ पर्दाफाश

New Delhi :  मालेगांव ब्लास्ट केस में 17 साल बाद एनआईए कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल श्रीकांत पुरोहित सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट के इस फैसले के बाद राजनीतिक हलकों में भूचाल आ गया है. भाजपा ने इसे ‘ऐतिहासिक दिन’ करार देते हुए कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. 

 

भाजपा नेता और सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने देश के बहुसंख्यक समाज पर आतंकवाद का ठप्पा लगाने की साजिश रची.  उन्होंने कहा कि राहुल गांधी, सुशील शिंदे और पी. चिदंबरम जैसे नेताओं ने 'भगवा आतंकवाद' जैसा शब्द गढ़ा, लेकिन कोर्ट के फैसले ने यह साबित कर दिया कि यह पूरा नैरेटिव झूठा और राजनीतिक रूप से प्रेरित था.

 

रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि जब राहुल गांधी से इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "बात मत भटकाओ, अडानी की बात करो।" भाजपा ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से देश से माफी मांगने की मांग की है. 

 

राजनीतिक फायदे के लिए पवित्र भगवा रंग का अपमान किया गया  : उमा भारती 

भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा. उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई रंग नहीं होता, लेकिन राजनीतिक फायदे के लिए कांग्रेस नेताओं ने भगवा को आतंकवाद से जोड़ने की शर्मनाक कोशिश की.

 

उन्होंने कहा कि यह रंग हमारे बलिदानी वीरों की पहचान है. साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित जैसे लोगों को झूठे केस में फंसाकर न केवल अन्याय किया गया, बल्कि राष्ट्रवाद और आस्था के प्रतीकों को भी कलंकित किया गया. 

 

उमा भारती ने बताया कि वह खुद नासिक जेल में साध्वी प्रज्ञा से मिली थीं और उनकी आपबीती सुनी थी.  उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने यह झूठा नैरेटिव गढ़ा, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. 

 

उमा भारती ने 2008 में उभरे “भगवा आतंकवाद” के नैरेटिव को कांग्रेस की एक "राजनीतिक साजिश" बताया है. उनके अनुसार, इस कथित सिद्धांत की शुरुआत कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने, राहुल गांधी के इशारे पर की थी. इसका उद्देश्य इस्लामी आतंकवाद के विमर्श को कमजोर करना और हिंदुत्व को उसके बराबर खड़ा कर विश्व मंच पर भारत की छवि खराब करना था.

 

इस राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कई निर्दोषों को बलि का बकरा बनाया गया, जिनमें प्रमुख रूप से साध्वी प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित जैसे नाम सामने आए. उमा भारती ने आरोप लगाया कि यह केवल राजनीतिक प्रतिशोध नहीं था, बल्कि राष्ट्रवाद के प्रतीकों को कलंकित करने की कोशिश थी. 

राजनीतिक मकसद से ऐसे शब्द गढ़े गए : उज्ज्वल निकम

प्रख्यात वकील उज्ज्वल निकम ने ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द को गलत ठहराते हुए कहा कि राजनीतिक मकसद से ऐसे शब्द गढ़े गए, जो धर्मों के बीच वैमनस्य फैलाने का काम करते हैं. इससे बचा जाना चाहिए.

 

कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए : दिनेश शर्मा

वहीं भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित जैसे देशभक्तों को झूठे केस में फंसाया गया. यह फैसला सच्चाई की जीत है और कांग्रेस को इसके लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.

 

आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता : दिग्विजय सिंह

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बयान दिया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता. न ही कोई हिंदू आतंकवाद है और न ही इस्लामी. हर धर्म प्रेम, सत्य और अहिंसा का प्रतीक है.

 

2008 में मस्जिद के पास हुआ था बम विस्फोट

बता दें कि 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मस्जिद के पास बम धमाके में छह लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में साध्वी प्रज्ञा, लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया था. एनआईए की विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी को बरी कर दिया. 

 

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