Sahibganj : शहर में दो महिला प्रशिक्षु को सदर अस्पताल परिसर में स्थित क्वार्टर अलॉट करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. अब इस मामले में साहिबगंज उपायुक्त रामनिवास यादव के निर्देश पर साहिबगंज सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. मोहन पासवान ने 26 अनुबंध कर्मियों को क्वार्टर खाली करने का 8 अगस्त को पत्र जारी कर दिया है.
क्या है मामला
दरअसल मार्च 2021 से फरवरी 2022 तक कई महिला प्रशिक्षुओं को स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक्सरे टेक्नीशियन और लैब असिस्टेंट की ट्रेनिंग दी गयी थी. प्रशिक्षण समाप्ति के बाद पूरी बैच वापस चली गई. लेकिन 2 प्रशिक्षु अब तक यहीं जमी हैं. दोनों कर्मियों को अस्पताल का क्वार्टर भी अलॉट कर दिया गया. जानकारी के मुताबिक क्लर्क रामचंद्र ही क्वार्टर अलॉटमेंट का काम देखते है. जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया. कुछ महिलाओं ने इसका विरोध किया. जिसके बाद दोनों महिला प्रशिक्षु ने इसकी शिकायत उपायुक्त से कर दी.
स्वास्थ्य कर्मी उठा रहे सवाल
स्वास्थ्य विभाग कर्मियों का कहना है कि सिर्फ 26 को ही सजा क्यों, जबकि जिला के सभी प्रखंडो के स्वास्थ्य केंद्रों में अनुबंध कर्मी अवैध रूप से आवास में रह रहे है. जब ज़िले भर में सरकारी कर्मियों के लिए क्वार्टर में अनुबंध कर्मी रह रहे हैं. ऐसे में चिट्ठी तो ज़िला स्तर पर सबको जारी होनी चाहिए. सवाल यह भी है कि क्वार्टर सरकारी कर्मियों के लिए बना था. लेकिन अब सरकारी कर्मियों की भारी कमी है. अगर ऐसे क्वार्टर में अनुबंध कर्मी रह रहे हैं तो इससे अस्पताल परिसर जहां गुलजार है. वहीं कम वेतन या मानदेय वाले अनुबंध कर्मियों को छत मिल गयी है. स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि अगर न्यूनतम शुल्क का प्रावधान एचएमएस के तहत कर दिया जाए तो इससे सबको लाभ होगा.
यह भी पढ़ें : साहिबगंज : नए जिला शिक्षा पदाधिकारी दुर्गानंद झा ने योगदान दिया