- रूपा तिर्की मौत मामले की जल्द सीबीआई जांच की अनुशंसा करे सरकार
- सीबीआई जांच की अनुशंसा नहीं हुई तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी बीजेपी
Ranchi: बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि साहिबगंज की पुलिस पंकज मिश्रा के लठैत के रूप में काम कर रही है. ऐसे में लोगों को न्याय कैसे मिलेगा. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की है कि बिना देर किए रूपा तिर्की की मौत के मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए. क्योंकि वहां के लोगों को और रूपा तिर्की के परिवार को साहिबगंज पुलिस पर भरोसा नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी चाहती है कि राज्य में कानून का राज कायम हो. संपत्ति की लूट बंद हो. संथाल के पहाड़ और वन भूमि में अवैध खनन जल्द से जल्द बंद किया जाए. इस खनन से सरकार का खजाना नहीं भर रहा है बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की तिजोरी भर रही है.
सीबीआई जांच कराने से क्यों डर रही हेमंत सरकार
बाबूलाल ने कहा कि आखिर सरकार रूपा तिर्की की मौत की सीबीआई जांच क्यों नहीं करवाना चाह रही. उन्होंने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता के पति की हत्या की सीबीआई जांच की तुरंत अनुशंसा की थी. तत्कालीन माले विधायक महेंद्र सिंह की हत्या के बाद उन्होंने उस वक्त के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा से बात कर सीबीआई जांच की अनुशंसा करवाई थी. अब जब रूपा तिर्की मामले में लगातार सीबीआई जांच की मांग हो रही है तो फिर हेमंत सोरेन सीबीआई जांच करवाने से क्यों डर रहे हैं. अगर सरकार सीबीआई जांच नहीं करवाती है तो बीजेपी कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.
कैबिनेट मंत्री से भी पावरफुल हैं पंकज मिश्रा
उन्होंने कहा कि पिछले साल बरहरवा नगर पंचायत के टोल कलेक्शन की नीलामी से पहले आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा और शंभू भगत की बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था. जिसमें कैबिनेट मंत्री ने शंभू भगत से बात करने के बाद अपने मोबाइल से ही शंभू की बात पंकज मिश्रा से करवाई. इससे जाहिर है कि पंकज मिश्रा की हैसियत झारखंड के कैबिनेट मंत्री से भी मजबूत है. बाद में नीलामी के दिन मारपीट के बाद मामला दर्ज हुआ. लोकायुक्त को भी मामले के बारे में पत्र लिखा गया, लेकिन अब तक पंकज मिश्रा पर कार्रवाई नहीं हुई.
विधायक ने उठाई आवाज, लेकिन उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि विधानसभा के अंदर जेएमएम के विधायक लोबिन हेंब्रम ने भी पंकज मिश्रा के खिलाफ आवाज उठायी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं रूपा तिर्की मामले की जांच भी वैसे पदाधिकारी को दी गई है जिनपर पहले से कई आरोप हैं. इससे पहले उन्होंने पंकज मिश्रा, आलमगीर आलम और शंभू भगत की बातचीत और रामरहिश निराला और अंकुश की बातचीत का वह ऑडियो भी मीडिया के सामने लाया, जो lagatar.in ने चलाया था.