Sahibganj : साहिबगंज जिले का बड़हरवा व पतना क्षेत्र कुछ साल पहले तक हरियाली के लिए जाने जाते थे. यहां की पहाड़ियां पेड़-पौधों से भरी रहती थीं. लेकिन यहां की हरियाली पर लकड़ी माफियाओं की नजर लग गई. पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से वन वीरान होने के कगार पर पहुंच गए हैं. यह बात और है कि पतना प्रखंड क्षेत्र में पेड़-पौधों व जड़ी-बूटियों से भरी पहाड़ियों को खनन विभाग की ओर से लीज पर दिए जाने के कारण यहां के वनों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के लकड़ी तस्कर व वन माफिया बड़हरवा व पतना की पहाड़ियों से लकड़ी काटकर अंधाधुंध कमाई कर रहे हैं.
जानकार बताते हैं कि बड़हरवा व कोटलपोखर थाना से महज कुछ ही दूरी पर कई जगहों पर आरा मिलें संचालित हैं. सूत्र बताते हैं कि लकड़ी माफिया वन रक्षियों की मिलीभगत से बड़हरवा व पतना की पहाड़ियों से रात के अंधेरे में सागवान, शीशम, सखुआ जैसे कीमती पेड़ों को काटकर लड़कियों को जुगाड़ गाड़ी पर लादकर आरा मिलो तक पहुंचाते हैं. इस अवैध धंधे में पतना रेंज के कुछ वनरक्षी भी उनका सहयोग करते हैं. बताया जाता है कि बरसात के समय गुमानी नदी में बाढ़ आने पर ये माफिया लकड़ी के बोटों को काटकर नदी में बहा देते हैं और पश्चिम बंगाल स्थित अपने क्षेत्र में नदी से निकाल कर आरा मिलों तक पहुंचाते हैं.
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