Sahibganj : जिले के उधवा प्रखंड अंतर्गत मोहनपुर पंचायत में तीनघरिया गांव के ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे है. भीषण गर्मी में गांव से दूर जाकर लोगों को पानी लाना पड़ता है. यह गांव पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है. इस वजह से जलस्तर 800 से 900 फीट नीचे है. गहराई में पानी रहने के कारण चापाकल गड़ाने में लाखों रुपए खर्च होते हैं. इस गांव में ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर निवास करते हैं. गांव के ज्यादातर लोग दूसरे राज्यों में मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं. मजदूरों को दिहाड़ी के रूप में बंधे बंधाए दिहाड़ी मिलती है. इस स्थिति में लाखों रुपए खर्च कर ग्रामीणों के लिए चापाकल गड़ाना मुश्किल है. ग्रामीण जल संकट दूर करने की मांग लगातार सरकार से करते आ रहे हैं. बावजूद इसके जल संकट दूर नहीं की जा रही है.
ग्रामीण शमीम शेख ने बताया कि गांव में तीन चापाकल, एक जल मीनार व कुआं है. भीषण गर्मी में जलस्तर ज्यादा नीचे चले जाने के कारण इन जलस्रोतों से पानी नहीं मिलती. गर्मी में एक किलोमीटर दूर जाकर दूसरे गांव से पानी लाना पड़ता है. ग्रामीण साईम अख्तर, एहसास शेख़, अबु बकर, सफीक शेख़, सुरेश रिख्यासन, ऐयुब शेख, पोलित रिख्यासन, सरीफुल वेवा, सावित्री देवी, मामोनी देवी, चेनतारा बीबी, असमा बीबी, समेना बीबी, मजेरा बीबी, जहनारा बीबी समेत सैकड़ों ग्रामीणों ने जलसंकट दूर करने की मांग सरकार से की है.
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