ने भारतीय सीमा पर चुपके से बसाये 624 गांव, भारत ने भी बसाने शुरू किये गांव
मेरा दिल आजतक रो रहा है
कश्मीरी पंडितों पर जो मुसीबतें आयी, उसके लिए मेरा दिल आजतक रो रहा है. कोई कश्मीरी ऐसा नहीं है जो उनके लिए रो नहीं रहा है. सब चाहते हैं कि उनकी घर वापसी हो. तब ही कश्मीर पूरा होगा. कहा कि 90 में जो कुछ हुआ वह साजिश थी, इस साजिश जो किसने किया? इसकी जांच के लिए कमीशन बैठाया जाये, तब पता चलेगा कि कौन-कौन इसमें शामिल था. अपने साक्षात्कार में फारूक अब्दुल्ला का यह भी कहना था कि इस मामले में मुझ पर सवाल उठाये जा रहे हैं, लेकिन मैं कश्मीरी पंडितों के घर छोड़ने के लिए जिम्मेदार नहीं हूं. जिम्मेदार वे हैं जो उस समय दिल्ली पर राज कर रहे थे. उनका इशारा भाजपा की ओर था. कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर मसलों को सुलझाना है तो दिल जोड़ने वाली बात करनी होगी, यह फिल्म दिल जोड़ नहीं रही है, तोड़ रही है. सारे मुल्क में आग लगा रही है. अगर यह आग नहीं बुझाई गयी तो यह सारे देश को एकदम शोले की तरह उड़ा देगी. इसे भी पढ़ें : शशि">https://lagatar.in/shashi-tharoor-was-invited-by-cpim-to-his-program-tharoor-wants-to-go-sonia-gandhi-did-not-give-permission/">शशिथरूर को माकपा ने अपने कार्यक्रम में बुलाया, जाना चाहते हैं थरूर, सोनिया गांधी ने नहीं दी इजाजत
मुल्क की सूरत ऐसी बन जायेगी जैसी हिटलर के जमाने में जर्मनी में हुई थी
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं पीएम मोदी से गुजारिश करूंगा कि ऐसी चीजें ना करें जिससे मुसलमान-हिंदुओं के रिश्ते और खराब हों. ऐसा हुआ तो मुल्क की सूरत ऐसी बन जायेगी जैसी हिटलर के जमाने में जर्मनी में हुई थी. अपने ऊपर लग रहे आरोपों को फारूक अब्दुल्ला ने गलत करार देते हुए कहा क उस वक्त वहां मुखिया जगमोहन (जम्मू कश्मीर के राज्यपाल) थे. वह अब नहीं रहे लेकिन कश्मीरी पंडितों को उन्होंने निकलवाया. उनके घर पर उन्होंने गाड़ियां भेजीं, पुलिसवालों को इन लोगों को गाड़ियों में बैठाने को उन्होंने कहा था. वह बोले कि कश्मीरी पंडितों के करीब 800 खानदानअभी भी कश्मीर में शांति से रह रहे हैं. किसी ने उनको हाथ नहीं लगाया, किसी ने उनको नहीं मारा. इसे भी पढ़ें : यूक्रेन">https://lagatar.in/ukraines-president-zelensky-said-nato-countries-are-afraid-of-russia-will-they-accept-us-or-not-tell-us/">यूक्रेनके राष्ट्रपति जेलेंस्की बोले, रूस से डरते हैं NATO देश, हमें स्वीकार करेंगे या नहीं, बतायें