- कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी और इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के समारोह
Bhubneshear/ Ranchi : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी और इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के समारोह में भाग लिया. 30 हजार से अधिक आदिवासी बच्चों को संबोधित किया. कहा, आज मैं यहां हजारों की संख्या में बैठे बच्चों से सीखने आया हूं. सभी को अच्छी चीजें अपनानी चाहिए. संस्था के लिए कुछ तो मैं ला नहीं सका. लेकिन मैं अपने एक माह का वेतन इस संस्थान को दूंगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हम कैसे बेहतर कर सकें, यह सोचना है.
डॉ अच्युत सामंता का प्रयास सराहनीय
सीएम ने कहा कि डॉ अच्युत सामंता ने हजारों गरीब और आदिवासी बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने का काम किया है, उनका यह प्रयास सराहनीय है. हमारे राज्य में भी सामंता जी आएं और झारखंड के नौनिहालों को मार्गदर्शन दें. वहां के आदिवासी बच्चों के लिए कैसे विकास की पटरी पर चलने का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है. इस पर हम मिलकर कार्य करें. यहां आने वाली पीढ़ी बैठी है. अपना उज्जवल भविष्य के लिए. किसी भी समाज का विकास तभी संभव है. जब वह पढ़- लिखकर अपने परिवार और समाज तक शिक्षा का विस्तार कर सके. इसके लिए कार्य करना होगा.
विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दिया
मुख्यमंत्री ने कहा, आज यह मंच हमें बहुत कुछ सोचने पर विवश करता है. बड़ी मुश्किल से आदिवासी समाज से आने वाला एक व्यक्ति शीर्ष पद पर पहुंचता है. दिसंबर 2019 से राज्य के विकास के लिए कार्य करने का अवसर मिला. लेकिन कोरोना संक्रमण काल ने विकास की गति को कुछ समय के लिए रोक दिया. इसके बाद जब जीवन सामान्य हुआ, तो झारखंड के आदिवासी क्षेत्रों में काम करने का मौका मिला. कई चीजों को हम लोगों ने बड़ी तेजी से आगे बढ़ाया है. देश में झारखंड पहला राज्य है, जहां आदिवासी बच्चों को विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए शत प्रतिशत स्कॉलरशिप प्रदान किया जाता है. मन में तसल्ली होती है कि जो समाज स्कूल से शिक्षा पाने के लिए तरसता है. उसे विदेशों में उच्च शिक्षा मिल रही है. राज्य के बच्चों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में आने वाले खर्च का वहन राज्य सरकार करेगी, इससे संबंधित कानून भी सरकार ने बनाया है.
इस तरह की संस्थान का निर्माण झारखंड में भी हो- सुखदेव सिंह
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि भुवनेश्वर के इस यूनिवर्सिटी का नाम हमलोग वर्षों से सुनते आए थे. हमें लगता था कि यह संस्थान छोटी सी जगह में बच्चों को शिक्षा दे रहे होंगे. लेकिन यहां आकर पता चला. यह तो साम्राज्य है. जिन्होंने इस यूनिवर्सिटी की स्थापना की, उस पर जरूर भगवान की कृपा रही होगी. मुख्यमंत्री का प्रयास है कि इस तरह की संस्थान का निर्माण झारखंड में भी हो. इसके लिए हम आपके बीच आए हैं. मुझे उम्मीद है कि उनकी यात्रा एक नई दुनिया की शुरुआत झारखंड में होगी.
कल्पना सोरेन भी थीं मौजूद
मालूम हो कि इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस पूरे विश्व में सबसे बड़ा आदिवासी संस्थान है, जिसे 1992-93 में डॉ अच्युत सामंता द्वारा शुरू किया गया था. इस संस्थान में देश भर के वंचित आदिवासी वर्ग के बच्चों को शिक्षा देने के साथ- साथ रोजगारपरक बनाया जाता है. वर्तमान में यहां करीब 40 हजार आदिवासी बच्चों को प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा निःशुल्क प्रदान की जाती है, जिसमें अधिकतर बालिकाएं शिक्षा ग्रहण करती हैं. इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कल्पना सोरेन, KIIT और KISS यूनिवर्सिटी के फाउंडर डॉ अच्युत सामंता, मुख्यमंत्री के प्रधान आप्त सचिव सुनील कुमार श्रीवास्तव एवं अन्य उपस्थित थे.
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