Ranchi : झारखंड में सोमवार शाम 6 बजे से बालू खनन पर रोक लग जाएगी, जो 15 अक्टूबर तक जारी रहेगी. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के तहत यह रोक मॉनसून के दौरान नदी के घाटों के पर्यावरण पर प्रभाव को कम करने के लिए लगाई गई है. इस दौरान राज्य के किसी भी नदी घाट से बालू की निकासी नहीं हो सकेगी, लेकिन जेएसएमडीसी के पास उपलब्ध 50 लाख क्यूबिक फीट बालू के स्टॉक से आम लोगों को बालू की आपूर्ति की जाएगी.
बालू की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी : बालू माफिया और सिंडिकेट ने इस आदेश से पहले ही बालू की जमाखोरी शुरू कर दी है, जिससे कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. पांच दिन पहले जहां एक हाईवा (500 सीएफटी) बालू की कीमत 28,000 रुपए थी, वहीं अब यह 33,000 रुपए तक पहुंच गई है. टर्बो (100 सीएफटी) बालू की कीमत 4500 रुपए से बढ़कर 6500 रुपए हो गई है.
सरकारी दरों से चार गुना महंगा बिक रहा बालू : राज्य सरकार ने बालू की दर 7.87 रुपए प्रति सीएफटी तय की है, लेकिन वर्तमान में यह बालू 6000 से 6500 रुपए में बिक रहा है. यानी दोगुनी से भी ज्यादा कीमत वसूली जा रही है. इस कालाबाजारी में पुलिस, प्रशासन और कुछ स्थानीय नेताओं की मिलीभगत मानी जा रही है.
जिलेवार बालू की वर्तमान स्थिति और दरें
- रांची: 6500 रुपए (100 सीएफटी), 3 घाट चालू, श्यामनगर में 2 लाख सीएफटी स्टॉक
- लातेहार: 1000 रुपए (100 सीएफटी, अवैध), कोई घाट टेंडर नहीं, अवैध खनन
- गढ़वा: 4500 रुपए (100 सीएफटी), 10 स्टॉकिस्ट, बिहार से मंगाया बालू
- सिमडेगा: 3000 रुपए (80 सीएफटी), बिहार के नाम पर स्थानीय बालू बेचा जा रहा
- गुमला: 1600 रुपए (100 सीएफटी), 4 लाख सीएफटी का स्टॉक, टेंडर नहीं
- पलामू: 4000 रुपए (100 सीएफटी), 92 घाट, सिर्फ 1 वैध; ग्रामीण बोरी से उठा रहे बालू
- बोकारो: 4500 रुपए (80 सीएफटी), कोई वैध स्टॉकिस्ट नहीं
- खूंटी: 6000 रुपए (100 सीएफटी), 5.5 लाख सीएफटी स्टॉक, अवैध बिक्री ज्यादा
- गिरिडीह: 1800 रुपए (100 सीएफटी), टेंडर नहीं, पूरी तरह अवैध उठाव
- जामताड़ा: 2000 रुपए (100 सीएफटी), 3 स्टॉकिस्ट, 2 लाख सीएफटी स्टॉक
- चाईबासा: 6000 रुपए (120 सीएफटी), कोई स्टॉकिस्ट नहीं, अवैध धंधा
- चतरा: 3500 रुपए (100 सीएफटी), लिलाजन नदी के 3 घाट चालू, 4 लाख सीएफटी स्टॉक
बालू और घाटों का फैक्ट फाइल
- 50 लाख क्यूबिक फीट बालू का स्टॉक जेएसएमडीसी के पास उपलब्ध है.
- 68 घाटों को पर्यावरणीय स्वीकृति (ईसी) मिल चुकी है.
- 32 घाट वर्तमान में संचालित हैं, जिनमें 28 सरकारी और 4 निजी घाट हैं.
- 444 बालू घाटों का टेंडर अब जिला स्तर पर किया जाएगा.
- 464 बालू घाटों की नीलामी का अधिकार जेएसएमडीसी से छीन लिया गया है.