में इलाज के दौरान चार कोरोना मरीजों की मौत, 38 संक्रमितों का चल रहा है इलाज https://www.youtube.com/watch?v=zkvJw8TEIRs
बालू घाट बंदोबस्ती में बड़ा घोटाला
रघुवर ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार में बालू घाटों की नीलामी के मामले में बड़ा घोटाला किया गया है. 2019 में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में बालू घाटों के संबंध में एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मांगे गए थे. सफल कंपनियों पर फैसला भी हो चुका था. लेकिन इस बीच सरकार बदल गई और मामले पेंडिंग हो गये. 25 महीने बाद भी स्थिति जस की तस है. उधर दुमका के शिकारीपाड़ा, जामा-रामगढ़ में भी अवैध बालू का उत्खनन जोरों पर है. जामा के भूरभूरी नदी से रोजाना 20 लाख रुपये से ज्यादा की बालू सरकार के संरक्षण में बाहर भेजी जा रही है.PDTI और KKS कंपनी के नाम से इंडेंट नहीं तो ढुलाई नहीं
पूर्व सीएम ने कहा कि अभी पाकुड़ के गोलपुर मौजा, पाकुरिया प्रखंड में 100 एकड़ से अधिक क्षेत्र में ग्रैंड माइनिंग कंपनी के द्वारा खनन किया जाता है. वहीं दुमका जिले में जितने रेलवे साइडिंग हैं, उस साइडिंग से माल भेजने के लिए स्थानीय विधायक के गुर्गों की अनुमति के बिना कोई ढुलाई नहीं हो सकती है. इन लोगों ने दो नयी कंपनी प्रगति इंफ्रा (पीडीटीआइ) व कौशल किशोर सिंह (केकेएस) बनाई है. इन्हीं दो कंपनी के नाम से इंडेंट करना होता है, नहीं तो ढुलाई नहीं होगा. कहा कि दुमका समेत पूरे संथाल परगना में अवैध पासिंग जोन बनाया गया है. अवैध गिट्टी, बालू, कोयला लदे ट्रकों से 4500 रुपये वसूलने के बाद ही दुमका से बाहर जाने दिया जा रहा है.सीएम का करीबी हर रोज 8 करोड़ से ज्यादा के कोयले की कर रहा तस्करी
रघुवर ने कहा कि हेमंत सरकार के कोयले के काले कारोबार में भी हाथ काले हैं. कोयले में माफियाओं का ऐसा नियंत्रण है कि राज्य में सरकारी कंपनियों को भी कोयला नहीं निकालने दिया जा रहा है. दुमका के कल्याणपुर और बादलपुर में सीएम के करीबी मो. कलाम, कलमुद्दीन अंसारी करोड़ों रुपये के अवैध कोयले का काला कारोबार कर रहे हैं. प्रतिदिन आठ करोड़ रुपये से ज्यादा का कोयले का खनन कर बिहार, बंगाल समेत नेपाल तक भेजा जा रहा है. इसे भी पढ़ें –टेरर">https://lagatar.in/terror-funding-case-court-seeks-response-from-nia-on-mahesh-agarwals-plea/">टेररफंडिंग मामला : महेश अग्रवाल की याचिका पर कोर्ट ने NIA से मांगा जवाब [wpse_comments_template]

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