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संथाल में सत्ताधारी दल के दो भाईयों में बालू, पत्थर और कोयले के धंधे का हुआ है बंटवारा- रघुवर दास

Ranchi: हेमंत सरकार के 25 माह के कार्यकाल में एक से बढ़कर एक कारनामे हुए हैं. जल, जंगल और जमीन के नारे की आड़ में सत्ता पर काबिज होने के बाद वे इन्हीं का सौदा कर रहे हैं. यह सारा काम राज्य के एक परिवार के संरक्षण में हो रहा है. सरकार बनने के बाद शुरुआत में सत्ताधारी परिवार में भाई-भाई के बीच तनातनी की खबरें आती रहती थीं. लेकिन अब ये खबरें आना बंद हो गयी हैं. इसके पीछे वजह ये है कि अब काम में बंटवारा हो चुका है. संथाल में बालू व पत्थर का अवैध धंधा एक भाई के जिम्मे आ गया है, वहीं कोयले का अवैध काम दूसरे भाई के संरक्षण में चल रहा है. यह आरोप लगाया है बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व सीएम रघुवर दास ने. वे प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. इसे भी पढ़ें - रिम्स">https://lagatar.in/four-corona-patients-died-during-treatment-in-rims-38-infected-are-undergoing-treatment/">रिम्स

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बालू घाट बंदोबस्ती में बड़ा घोटाला

रघुवर ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार में बालू घाटों की नीलामी के मामले में बड़ा घोटाला किया गया है. 2019 में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में बालू घाटों के संबंध में एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मांगे गए थे. सफल कंपनियों पर फैसला भी हो चुका था. लेकिन इस बीच सरकार बदल गई और मामले पेंडिंग हो गये. 25 महीने बाद भी स्थिति जस की तस है. उधर दुमका के शिकारीपाड़ा, जामा-रामगढ़ में भी अवैध बालू का उत्खनन जोरों पर है. जामा के भूरभूरी नदी से रोजाना 20 लाख रुपये से ज्यादा की बालू सरकार के संरक्षण में बाहर भेजी जा रही है.

PDTI और KKS कंपनी के नाम से इंडेंट नहीं तो ढुलाई नहीं

पूर्व सीएम ने कहा कि अभी पाकुड़ के गोलपुर मौजा, पाकुरिया प्रखंड में 100 एकड़ से अधिक क्षेत्र में ग्रैंड माइनिंग कंपनी के द्वारा खनन किया जाता है. वहीं दुमका जिले में जितने रेलवे साइडिंग हैं, उस साइडिंग से माल भेजने के लिए स्थानीय विधायक के गुर्गों की अनुमति के बिना कोई ढुलाई नहीं हो सकती है. इन लोगों ने दो नयी कंपनी प्रगति इंफ्रा (पीडीटीआइ) व कौशल किशोर सिंह (केकेएस) बनाई है. इन्हीं दो कंपनी के नाम से इंडेंट करना होता है, नहीं तो ढुलाई नहीं होगा. कहा कि दुमका समेत पूरे संथाल परगना में अवैध पासिंग जोन बनाया गया है. अवैध गिट्टी, बालू, कोयला लदे ट्रकों से 4500 रुपये वसूलने के बाद ही दुमका से बाहर जाने दिया जा रहा है.

सीएम का करीबी हर रोज 8 करोड़ से ज्यादा के कोयले की कर रहा तस्करी

रघुवर ने कहा कि हेमंत सरकार के कोयले के काले कारोबार में भी हाथ काले हैं. कोयले में माफियाओं का ऐसा नियंत्रण है कि राज्य में सरकारी कंपनियों को भी कोयला नहीं निकालने दिया जा रहा है. दुमका के कल्याणपुर और बादलपुर में सीएम के करीबी मो. कलाम, कलमुद्दीन अंसारी करोड़ों रुपये के अवैध कोयले का काला कारोबार कर रहे हैं. प्रतिदिन आठ करोड़ रुपये से ज्यादा का कोयले का खनन कर बिहार, बंगाल समेत नेपाल तक भेजा जा रहा है. इसे भी पढ़ें –टेरर">https://lagatar.in/terror-funding-case-court-seeks-response-from-nia-on-mahesh-agarwals-plea/">टेरर

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