Saran : बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद से राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू है. इसके साथ ही सारण जिला प्रशासन ने भी सख्ती दिखानी शुरू कर दी है. डीएम अमन समीर के आदेश पर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल सात सरकारी शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
साथ ही इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है. आरोप है कि ये शिक्षक किसी न किसी प्रत्याशी या राजनीतिक दल के समर्थन में प्रचार-प्रसार कर रहे थे, जो कि चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है.
सोशल मीडिया व जनसभाओं में सक्रियता पर एक्शन
इन मामलों में कुछ शिक्षक सोशल मीडिया पर राजनीतिक पोस्ट साझा कर रहे थे, तो कुछ जनसभाओं और प्रचार अभियानों में शामिल पाए गए.
- दीपक कुमार, नगर माध्यमिक शिक्षक, परसा : एक प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगने का आरोप.
- राजेश कुमार तिवारी, उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, पिपारीडीह, दरियापुर : सोशल मीडिया पर राजनीतिक पोस्ट साझा करने का आरोप.
- सुरेंद्र प्रसाद यादव, मैकडोनाल्ड उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, देवरिया, तरैया : राजनीतिक प्रचार में भागीदारी का आरोप.
- चन्द्रमोहन कुमार सिंह, नवसृजित प्राथमिक विद्यालय, धेनुकी, जलालपुर : मतदाताओं से वोट मांगने का आरोप.
- सुरेंद्र कुमार सिंह, प्रधानाध्यापक, मध्य विद्यालय, रतनपुरा, छपरा सदर : मीडिया कार्यक्रम में राजनीतिक चर्चा में भाग लेने का आरोप.
- प्रियंका कुमारी, राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, छपरा : मीडिया कार्यक्रम में राजनीतिक भागीदारी का आरोप.
- धर्मेंद्र कुमार सिंह, प्राथमिक विद्यालय घोघिया उत्तर टोला, मशरक : राजनीतिक जनसभा में शामिल होने का आरोप.
प्रखंड स्तर पर FIR दर्ज, विभागीय जांच शुरू
जिला शिक्षा पदाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर सभी शिक्षकों के खिलाफ संबंधित थानों मशरक, तरैया, दरियापुर, जलालपुर और छपरा सदर में प्राथमिकी दर्ज की गई है. साथ ही विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है.
हर सरकारी कर्मी निष्पक्ष रहे और निष्पक्ष दिखे : डीएम
डीएम ने चेतावनी दी कि आचार संहिता के दौरान किसी भी सरकारी या मानदेय कर्मी का राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होना गंभीर अपराध है. उन्होंने कहा, कि हर सरकारी कर्मी निष्पक्ष रहे और निष्पक्ष दिखे. नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
प्रशासन की निगरानी जारी
जिला प्रशासन ने बताया कि सोशल मीडिया और जनसभाओं की निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है. किसी अन्य सरकारी कर्मचारी के राजनीतिक गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर, उसके खिलाफ भी एफआईआर, निलंबन और विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
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