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सारंडा: नक्सल प्रभावित करमपदा में 2020 में बन जाना था पंचायत भवन, आज तक अधूरा पड़ा है

Kiriburu : पंचायत का सचिवालय कहा जाने वाला पंचायत भवन किसी भी पंचायत के विकास की मुख्य धुरी होता है. लेकिन जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण सारंडा के करमपदा में निर्माणाधीन मेघाहातुबुरु उतरी पंचायत का पंचायत भवन निर्माण कार्य अवधि पूरी हो जाने के बाद भी अधूरा पड़ा हुआ है. इस पंचायत भवन के निर्माण कार्य में लगे आसपास के गांवों के मजदूरों की बकाया मजदूरी भी अभी तक नहीं मिल पाई है, जिससे मजदूरों में संवेदक व प्रशासन के खिलाफ भारी आक्रोश है. उल्लेखनीय है कि उक्त पंचायत भवन के निर्माण कार्य से जुड़ी निविदा जिला परिषद कार्यालय चाईबासा द्वारा जारी की गई थी. इसे पूर्ण कराने का दायित्व मेसर्स ज्ञानदीप इंटरप्राईजेज को दिया गया. पंचायत भवन की प्राक्कलित राशि 43.57 लाख रूपए थी. इसे 23 मार्च 2020 से लेकर 22 दिसंबर 2020 तक पूर्ण करना था, जो अब तक अधूरा पड़ा हुआ है. इसके अधूरा रहने की मुख्य वजह जिला परिषद द्वारा अब तक किये गये कार्य का पैसा भुगतान नहीं किया जाना है. [caption id="attachment_149580" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/09/karampada-4-300x259.jpg"

alt="" width="300" height="259" /> जिला परिषद सदस्य शंभु हाजरा.[/caption]

विभागीय उदासीनता के कारण समस्या: जिप सदस्य

नोवामुण्डी भाग-एक के जिला परिषद सदस्य शंभु हाजरा ने बताया की हमें मजदूरों से शिकायत मिलने के बाद हमने कई बार उप विकास आयुक्त से बात की और उपायुक्त को पत्र लिख मांग की गई कि विभागीय उदासीनता की वजह से संवेदक को राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिससे पंचायत भवन अपूर्ण है. मजदूरों का भी पैसा बकाया है जिससे उनके सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो रहा है. यह पंचायत भवन सारंडा के अत्यंत पिछडा़ एंव नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बन रहा है. इसके बनने से ग्रामीणों को जाति, मृत्यु आदि प्रमाण पत्र व तमाम कार्यों को कराने में आसानी होगी तथा इसके लिए उन्हें नोवामुंडी नहीं जाना पडे़गा. [caption id="attachment_149576" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/09/karampada-3-300x252.jpg"

alt="" width="300" height="252" /> संवेदक ज्ञानदीप.[/caption]

बिल मिलेगा तो मजदूरों का भुगतान करेंगे: संवेदक

संवेदक ज्ञानदीप कुमार ने बताया की बीते नवम्बर माह में ही विभाग को बिल जमा कर दिये थे और आश्वासन मिला कि दिसम्बर में बिल भुगतान हो जायेगा लेकिन पैसे का भुगतान नहीं हुआ. इस वर्ष फरवरी माह तक काम किये लेकिन पैसा नहीं मिला तो काम बंद कर दिये. हमारे पास जितना पैसा था वह हम इस भवन के निर्माण में लगा दिये हैं. हमारे पास अब पैसा नहीं है कि मजदूरों का बकाया पैसा का भुगतान करें. बिल मिलेगा तो मजदूरों का बकाया पैसा का भुगतान कर देंगे. [caption id="attachment_149575" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/09/karampada-2-300x264.jpg"

alt="" width="300" height="264" /> मजदूर सुशील चेरवा.[/caption]

कोरोना काल में पेट भरने तक की समस्या: मजदूर

करमपदा निवासी मजदूर सुशीला चेरवा ने बताया की हम दर्जनों मजदूर इस पंचायत भवन का निर्माण कार्य में लगे थे लेकिन हमारी मजदूरी नहीं दी गई. ठेकेदार कहता है कि विभाग से बिल मिलेगा तब देंगे. कोरोना काल में पेट भरने की समस्या उत्पन्न हो गई है. गांव के मुंडा राजेश ने बताया की सारंडा के गांवों में बहुत मुश्किल से योजनाएं आती हैं लेकिन कोई योजना पूर्ण नहीं हो पाती है. चाहे पंचायत भवन हो या सड़क आदि. राजेश मुंडा ने कहा कि अधिकारियों की कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार की वजह से योजनाएं पूर्ण नहीं हो पाती है. [caption id="attachment_149574" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/09/karampada-1-300x233.jpg"

alt="" width="300" height="233" /> गांव के मुंडा राजेश.[/caption] [wpse_comments_template]

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