पांच रंग के मुर्गों की दी गई बलि
सरहुल पर्व के पहले पांच रंगों के मुर्गों की बलि चढ़ाई गई, जो विभिन्न देवताओं और परंपराओं का प्रतीक माने जाते हैं. लाल मुर्गा ग्राम देवता के सम्मान में, सफेद मुर्गा सूर्य को, माला मुर्गा खेत-खलिहान की समृद्धि के लिए, काली मुर्गी बुरी आत्माओं को शांत करने के लिए व गोली मुर्गी की बलि पूर्वजों की याद में दी गई.आदिवासी हॉस्टल व 2 मौजा के पाहन पहुंचे हातमा
सरना स्थल पर मिट्टी के घड़े में पानी भरने की परंपरा निभाने के लिए तीन आदिवासी हॉस्टल और दो मौजा के पाहन नृत्य करते हुए हातमा सरना स्थल पहुंचे. वहां पाहन जगलाल पाहन ने सभी मौजा के पाहनों को पवित्र जल देकर सम्मानपूर्वक विदा किया. इसके बाद सभी पाहनों ने अपने-अपने स्तर से घड़ों में पानी भरा.घड़ों में पानी के स्तर से होगी बारिश की भविष्यवाणी
इस धार्मिक अनुष्ठान के साथ मंगलवार की सुबह इस साल बारिश की भविष्यवाणी की जाएगी. पाहन सरना स्थल पर घड़ों में रखे पानी व मौसम की स्थिति का आकलन कर यह भविष्यवाणी करेंगे कि इस वर्ष बारिश कैसी होगी. यह भी पढ़ें : म्यांमार">https://lagatar.in/myanmar-earthquake-death-toll-crosses-2000-more-than-3900-injured-35-lakh-people-homeless/">म्यांमारभूकंप : मृतकों का आंकड़ा 2000 पार, 3900 से ज्यादा घायल, 35 लाख लोग बेघर
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