इस मौके पर पांच मुर्गों की बलि दी गयी, जो विभिन्न देवताओं और परंपराओं का प्रतीक माने जाते हैं :लाल मुर्गा : ग्राम देवता के सम्मान में सफेद मुर्गा : सूर्य भगवान को अर्पित माला मुर्गी : खेत-खलिहान की समृद्धि के लिए काली मुर्गी : बुरी आत्माओं को शांत करने के लिए गोली मुर्गी : पूर्वजों की याद में
हातमा सरना स्थल में पारंपरिक रीति रिवाज से हुई सरहुल पूजा, पाहन ने घड़े में रखा पानी देख की भविष्यवाणी

सामान्य से कम बारिश होगी Ranchi : झारखंड में प्रकृति पर्व सरहुल धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस मौके पर मोरहाबादी स्थित हातमा सरना स्थल सहित शहर के अखड़ा व अन्य सरना स्थलों में परंपरागत रीति-रिवाज से सरहुल की पूजा संपन्न हुई. हातमा सरना स्थल में मुख्य पाहन जगलाल ने उपवास रखकर विधि-विधान के साथ सरहुल की पूजा की. मौके पर पूर्व सीएम चंपाई सोरेन, केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलु मुंडा, बलकु उरांव समेत दर्जनों सरना धर्मावलंबियों मौजूद रहे.
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