सरहुल पूजा के मुख्य अनुष्ठान
-30 मार्च को घर, आंगन, द्वार और चूल्हे की साफ-सफाई व लिपाई-पुताई होगी. -31 मार्च को पहान उपवास रखकर कुल देवी-देवताओं की पूजा करेंगे. सरना समाज के लोग नदी, तालाब मछली पकड़ने जाएंगे. शाम में अपने घरों में अक्षत, प्रसाद, पुवा-पकवान अर्पित करेंगे. पहान द्वारा शाम 7-8 बजे के बीच सरना स्थल में घड़ा रखा जाएगा. इसमें पइनभोरा द्वारा जल भरा जाएगा. सुबह लोगों के सामने बारिश होने की भविष्यवाणी करेंगे. -एक अप्रैल को दोपहर में हातमा से एक बजे शोभायात्रा निकाली जाएगी. एक अप्रैल को सरना स्थल में सूप चढ़ाने की रस्म होगी. इस दिन पांच मूर्गा की बली दी जाएगी. इसमें लाल (रंगुवा) मुर्गा (ग्राम देवती) और सफेद मुर्गा (सूर्य), गोली मुर्गी (पूर्वज), माला मुर्गा (खेत खलिहान) के नाम पर औऱ काली मुर्गी (बुरी आत्मा) को शांत करने के लिए बलि देकर तपावन अर्पित किया जाएगा. इसके बाद पहान घड़े के जलस्तर का भविष्यवाणी करेंगे और कोटवार समाज में सार्वजनिक करेगा. पूजा के बाद रीति-रिवाजों के अनुसार फूल खोंसी, नृत्य-संगीत, पारंपरिक खान-पान का आयोजन होगा.सरहुल पर्व की भव्यता प्रभावित होने पर चिंता
महासचिव हलधर चंदन पहान ने कहा कि केद्रीय सिरम टोली फ्लाईओवर के रैंप निर्माण के कारण सरहुल महापर्व की भव्यता प्रभावित हो रही है. जिससे आदिवासी समाज में आक्रोश है. उन्होंने झारखंड सरकार से वैकल्पिक समाधान निकालने की मांग की, ताकि सरना धर्मावलंबी बिना किसी बाधा के इस सरहुल शोभायात्रा को हर्षोल्लास के साथ मना सकें.आपसी सौहार्द और भाईचारे के साथ मनाएं सरहुल
पहान महासंघ ने समाज और प्रशासन से अपील की कि सरहुल प्रेम, शांति, हरियाली, खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक है, जिसे आपसी सौहार्द और भाईचारे के साथ मनाया जाए. रांची के मुख्य पाहन जगलाल पाहन ने कहा कि हातमा सरना स्थल में 31 अप्रैल को पाहन परिवार उपवास में रहेंगे. शाम 7-8 के बीच सरना स्थल में घड़ा ऱखा जाएगा. यहीं से आदिवासी हॉस्टल के छात्र अपने साथ घड़ा लेकर सरना स्थल पहुंचेंगे. सभी का घड़ा में पानी भर कर दिया जाएगा औऱ अपने-अपने सरना स्थल में रखेंगे. मौके पर जगदीश पहान, हलधर चंदन पहान, विजय पहान, अरविंद पहान, दिनकर पहान, सोमा पहान, भोला नाथ पहान, किस्टो पहान, जेवियर पहान समेत अन्य शामिल थे. इसे भी पढ़ें – ऑक्सफोर्ड">https://lagatar.in/opposition-to-mamta-banerjee-in-oxford-university-know-why/">ऑक्सफोर्डयूनिवर्सिटी में ममता बनर्जी को विरोध का सामना करना पड़ा,जाने क्यों…
Leave a Comment