Saria (Giridih): करोड़ों रुपया हर वर्ष खर्च करने के बाबजूद शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है.कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण पठन-पाठन का कार्य प्रभावित हो रहा है. उत्क्रमित मध्य विद्यालय चौधरीडीह की भी स्थिति कुछ ऐसी ही है. यहां सरकार ने लाखों रुपये खर्च कर भवन तो बनवा दिया लेकिन पर्याप्त शिक्षकों की नियुक्ति करना शायद भूल गई. नतीजा बच्चें भी सरकारी स्कूलों में पढ़ना पसंद नहीं करते जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करना बेमानी लगता है.
तीन शिक्षकों के भरोसे 300 बच्चों की जिम्मेदारी
विद्यालय में मात्र 3 शिक्षक बच्चों को पढ़ाने में लगें हैं. जबकि अन्य कक्षाओं में स्कूली बच्चें शिक्षक बनकर पढ़ा रहें हैं. जब शुभम संदेश की टीम ने विद्यालय का जायजा लिया तो स्थिति देखकर आश्चर्यचकित रह गया. यहां एक से आठ तक की कक्षा में 300 बच्चें नामांकित मिले. जिसमें करीब 60 फीसदी उपस्थित मिले. वहीं इन्हें पढ़ाने के लिए मात्र पांच शिक्षकों की नियुक्ति की गई है जिसमें दो शिक्षक परीक्षा केंद्र ड्यूटी पर है.आप सहज अंदाजा लगा सकतें हैं कि आठ वर्गों का संचालन कैसे हो रहा होगा.
![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/04/padhate-bachhen-300x146.jpg)
पढ़ाई के दौरान सोते दिखा छात्र
वर्ग 4-5 में शिक्षिका क्लास ले रही थी जबकि पीछे बैठें विद्यार्थी डेस्क पर माथा रखकर सो रहा था. जब बच्चे को यह पता चला कि उसकी तसवीर ली गई है तब वो जागा ओर अपना पुस्तक निकाला. विचारणीय यह है कि आखिर क्लास में शिक्षक रहने के बावजूद बच्चे को कैसे नींद लग गई. छठी से आठवीं के विद्यार्थियों को बेसिक ज्ञान भी नहीं है. खेल रहे बच्चों से पूछने पर झारखण्ड के मुख्यमंत्री का नाम तक नहीं बता पाएं. अन्य सवालों पर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए उत्तर देने में असमर्थ रहे.बच्चों ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि जब शिक्षक ही नहीं हैं तो भला पढ़ाई कैसे हो पाएगी.
अभाव में बच्चे खुद शिक्षक बनकर पढ़ातें हैं
कक्षा 1 में शिक्षक की अनुपस्थिति के बाद चतुर्थ वर्ग की दो बच्चियां बच्चों को पढ़ाते हुए ब्लैकबोर्ड में होम वर्क देंने लगे. जब उनसे पूछा गया कि आप क्लास क्यों ले रहें हैं तो कहा कि अभी शिक्षक का अभाव है. बच्चे काफी देर से हल्ला कर रहें थें जिन्हें शांत करने के लिए होम वर्क दे रही हूं.
विभाग को कई बार सूचना दी पर कार्यवाही नहीं : अध्यक्ष
एसएमसी अध्यक्ष विनोद पांडेय ने कहा कि विद्यालय में शिक्षकों की काफी कमी है दो शिक्षक परीक्षा केंद्र में है जिससे थोड़ी परेशानी हो रही है. यहां पर्याप्त शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विभाग से कई बार गुहार लगाई जा चुकी है. पर्याप्त शिक्षक यहां होते तो नामांकित बच्चों की संख्या भी काफी बेहतर होती.