Ranchi : झारखंड की राजधानी में प्रकृति पर्व सरहुल महोत्सव की तैयारियां हर्षोल्लास के साथ शुरू हो चुकी हैं. सरहुल के आगमन से पहले फांसी टुंगरी पहाड़ी मंदिर पर पारंपरिक सरना झंडा बदली कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सैकड़ों सरना धर्मावलंबियों ने इसमें हिस्सा लिया. ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना संपन्न हुई.
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class="aligncenter wp-image-1028837 size-full" src="https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/03/s333.jpg" alt="" width="600" height="400" /> इस क्रम में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की के अगुवाई में भारी संख्या में सरना धर्मावलंबी पूजा स्थल पर एकत्र हुए. पहाड़ की चोटी पर पाहन ने विधिवत पूजा की और मानव कल्याण, जीव-जंतुओं, नदियों, पहाड़ों और प्रकृति की समृद्धि व शांति की कामना की. अजय तिर्की ने कहा कि फांसी टुंगरी पूर्वजों का पवित्र पूजा स्थल है.यहां पहले स्व बुधवा पाहन अनुष्ठान किया करते थे.उन्होंने सरना धर्म कोड की मांग करते हुए कहा कि इससे आदिवासी समाज को उनकी धार्मिक पहचान मिलेगी.
सरहुल पर्व में नशा पान से दूर रहने की अपील
प्रदेश सरना धर्मगुरु राजेश लिंडा ने समाज से सरहुल पर्व के दौरान नशा-पान से दूर रहने और अपने आंगन में सरना झंडा स्थापित करने की अपील की. वहीं, महासचिव रूपचंद तिर्की ने आदिवासी समाज से अपनी संस्कृति, रीति-रिवाज और पारंपरिक पूजा-पद्धति को अपनाने पर जोर दिया.
सामूहिक रूप से सरना प्रार्थना करने का संदेश
इस अवसर पर वक्ताओं ने आदिवासी युवाओं को शिक्षा और व्यापार के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त बनने की प्रेरणा दी. सरना समिति के महासचिव ने प्रत्येक गुरुवार को सरना पूजा स्थलों पर सामूहिक प्रार्थना करने की परंपरा को बनाये रखने का संदेश दिया.
फांसी टुंगरी सदियों से सरना धर्म की महत्वपूर्ण पूजा स्थल रही है
राजीव पड़हा सरना प्रार्थना सभा के अध्यक्ष नीरज मुंडा ने कहा कि फांसी टुंगरी सदियों से सरना धर्म की महत्वपूर्ण पूजा स्थल रही है. हालांकि, वर्तमान में इसे पहाड़ी मंदिर के नाम से जाना जाता है, लेकिन आदिवासी समाज ने इस स्थल पर अपनी पूजा-पद्धति को सदियों से जीवित रखा है.
उत्साह के साथ जुटे सैकड़ों सरना धर्मावलंबी
इस भव्य आयोजन में राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा, आदिवासी छात्र संगठन, महिला प्रकोष्ठ सहित कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों के सदस्य शामिल हुए. इस दौरान धर्मगुरु, समाजसेवी, छात्र नेता और स्थानीय श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.
इन सभी ने सहयोग दिया
राजी पड़हा सरना प्रार्थना के अध्यक्ष नीरज, आदिवासी छात्र संगठन के अध्यक्ष रवि मुंडा, सिल्ली धर्म गुरु गोंदरा उंराव, हजारीबाग सरना धर्म गुरु पवन तिर्की, उतरी छोटानागपुर प्रमंडल धर्म गुरु रामदेव उरांव, खूंटी जिला धर्म गुरु सोमरा मुंडा, महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष सुभानी तिग्गा, सरना समिति के सचिव रुपचंद तिर्की, गहना कच्छप, सुतिशा बाड़ा, अमित गाड़ी, नसीम अहमद, किशोर लोहरा, गुलाबचंद बाड़ा, प्रकाश तिर्की, सावन लिंडा, विक्की, अविनाश, संतोष, उत्तम यादव प्रकाश तिर्की समेत सैकड़ों लोगों ने सहयोग किया.