Gumla: राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा (भारत) के सैकडों सरना धर्म अगुवाओं ने हरमु डेला टोली में बैठक की. इसकी अध्यक्षता धर्म अगुवा गायना कच्छप ने किया. अध्यक्षता करते हुए गायना कच्छप ने कहा कि तीन फरवरी को डुमरी प्रखंड के सीरसी गांव में सरना धर्मावलंबी जुटेंगे. यहां पर सिरासीता नाला का पारंपरिक रूप से पूजा पाठ होगा. इसकी तैयारी करने के लिए प्रचार प्रसार शुरू कर दिया गया. धार्मिक स्थल सिरासीता का सौंदर्यीकरण और विकास पर बल दिया जाएगा. लोगों को भी बढ़-चढ़कर सहयोग करने का अपील किया. क्योंकि यह सिरासीता आदिवासी समाज की धार्मिक पहचान है. यहां पर ओडिशा, बंगाल, छतिसगढ़, मध्यप्रदेश औऱ बिहार से हजारों आदिवासी सरना धर्मावलंबी पूजा पाठ करने पहुचते हैं. अपनी मन्नत मांगते हैं. नौकरी पेशा बढ़िया से चले इसकी कामना करते हैं.
ढकनीचुआं प्रकृति से प्राप्त देवस्थल है
बैठक में कहा गया कि आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड की लड़ाई को तेज किया जाएगा. इसके साथ ही सिरासीता नाला, ढकनीचुंआ का विकास करने पर बल दिया जाएगा. क्योंकि यह स्थान आदिवासियों के लिए आस्था का केद्र बिंदु बन चुका है. यह स्थान प्रकृति से प्राप्त देवस्थल है. यहां सभी श्रदालुओं का मांगा हुआ सभी मन्नत पूरा होता है. मौके पर केद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की, सरना प्रार्थना सभा के महासचिव जलेश्लर उरांव, बिरसा उरांव, पवन बारला, बिरसा कच्छप, गंदुरा उरांव, आनंद कुमार बेदिया, अर्जुन मांझी, बसंत भगत, विक्रम सिंह मुंडा व महादेव उरांव समेत अन्य मौजूद थे.
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