Ranchi: आदिवासी संगठनों द्वारा 22 मार्च को बुलाई गई रांची बंद का सरना प्रार्थना सभा समर्थन नहीं करेगा. गुरुवार को डिबडीह सामुदायिक भवन में मीडिया को संबोधित करते हुए सरना प्रार्थना सभा के सचिव सोनु खलखो ने कहा कि आदिवासी संगठनों द्वारा बुलाये गये रांची बंद में सड़क पर उतरकर समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि सिरमटोली सरना स्थल के सामने बना रैम्प आदिवासी समाज की आस्था को कुचलने का प्रयास कर रहा है. सामाजिक आंदोलन को राजनीतिक आंदोलन में बदलने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसे आंदोलन का में सरना प्रार्थना सभा किसी भी हालत में समर्थन नहीं करेगा.
सरना प्रार्थना सभा के अध्यक्ष संजय कुजूर ने कहा कि पिछले कई महीनों से रैम्प को लेकर आदिवासी समाज ने आंदोलन किया है. सरना स्थल आदिवासी पहचान का केंद्र है, जहां पूजा अर्चना के लिए लाखों आदिवासियों की भीड़ उमड़ती है. यह स्थल एक पवित्र स्थान है, जिसको लेकर एक अप्रैल को विशेष पूजा अर्चना भी की जाएगी.
कहा कि आज स्थिति बहुत दयनीय हो गई है. रैम्प को शुरु में उतरने के लिए बनाया गया था, लेकिन अब इसे राजनीतिक रूप दिया जा रहा है. कुछ पूंजीपतियों द्वारा इस स्थल को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है, जो आदिवासी विरोधी हैं. वे इस आंदोलन को राजनीतिक मोड़ देने का प्रयास कर रहे हैं. मौके पर सरना प्रार्थना सभा के उपाध्यक्ष भीम तिर्की, रवि खलखो, पंकज भगत, बसंत उरांव समेत अन्य लोग भी उपस्थित थे.
इसे भी पढ़ें –पंजाब के मोहाली में पार्किंग विवाद में धनबाद निवासी युवा वैज्ञानिक डॉ अभिषेक स्वर्णकार की हत्या