Ranchi: निर्दलीय विधायक सरयू राय ने आयुष्मान भारत, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के क्रियान्वयन में हो रही भारी अनियमितता में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की भूमिका की जांच कराने की मांग मुख्यमंत्री से की है. कहा है कि इसके कारण राज्यभर के मरीजों को तो परेशानी हो ही रही है. सरकार के खजाना पर भी भारी चपत लग रही है. इस अनियमितता और भ्रष्टाचार में चयनित बीमा कंपनी, बीमा कंपनी का बीमा करने वाली पुनः बीमा कंपनी और एक बिचौलिया निजी कंपनी के कारिंदे शामिल हैं. राय ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की पहल पर झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी और एक निजी कंपनी “निरूज कंसलटेंट्स एलएलपी” के बीच 11 जनवरी 2024 को एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ. जिसके अनुसार, यह परामर्शी कंपनी आयुष्मान भारत के कतिपय कार्यों के लिए निःशुल्क सहयोग प्रदान करेगी. सहमति के बिन्दु व्यापक हैं पर अस्पष्ट हैं. वहीं सोसाइटी और निरूज के बीच हुए समझौते में सभी कार्य निरूज को निःशुल्क करना है.
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निःशुल्क काम करने के लिए कैसे तैयार हो गई कंपनी
सरयू राय ने सवाल उठाते हुए कहा कि आश्चर्य है कि कोई भी निजी कंपनी ऐसे पूर्णकालिक काम, जिसमें पर्याप्त मानव संसाधन और वित्तीय संसाधन की जरूरत होगी, निःशुल्क करने के लिए कैसे तैयार हो गई है? क्या इसके पीछे कोई परोक्ष गुप्त योजना छुपी है, जो अनियमितता और भ्रष्टाचार का कारण बन रही है, जिससे सरकारी धन का अपव्यय हो रहा है और जिसके कारण आयुष्मान योजना में जालसाजी करने वाले अस्पतालों को चिन्हित करने, उनपर कार्रवाई की अनुशंसा करने और फिर उन्हें क्लीन चिट देने की कारवाई चल रही है यह जांच का विषय है.
कंपनी निरूज और बीमा कंपनियों के बीच के संबंध की भी हो जांच
राय ने कहा है कि जांच इसकी भी होनी चाहिए कि निःशुल्क कार्य के लिए चयनित कंपनी निरूज का संबंध बीमा कंपनियों और पुनः बीमा कंपनियों के साथ क्या है. बीमा कंपनियों के साथ निरूज के संबंधों के कारण हितों का टकराव किस भांति और कितनी मात्रा में हो रहा है? सोसाइटी को अपने कार्यों के लिए ऐसी कंपनी के साथ एमओयू करने की क्या जरूरत पड़ गई? बीमा कंपनी और सरकार के बीच प्रिमियम निर्धारण और भुगतान संबंधों पर इसका क्या असर पड़ रहा है? अस्पतालों में मरीजों की चिकित्सा और अस्पतालों द्वारा चिकित्सा पर हुए या हो रहे व्यय के बिल पर इसका क्या प्रभाव हो रहा है? कितने अस्पतालों पर इस अवधि में आयुष्मान के मापदंडों की अवहेलना के लिए कारवाई करने की अनुशंसा हुई, अनुशंसा के कारण क्या थे और कितनों की पुनर्बहाली किस प्रकार कर दी गई? ईडी जांच में सरकार द्वारा दी गई अस्पतालों की सूची में से कितने अस्पतालों को माफी दे दी गई और बिना उपयुक्त दंड के इन्हें पुनः किस प्रकार सूचीबद्ध कर लिया गया? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इसकी जांच कराएं और निःशुल्क सहयोग के नाम पर निहित स्वार्थ साधने के लिए झारखंड आरोग्य सोसाइटी और निजी कंपनी निरूज के बीच किया गया एमओयू रद्द करें.
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