Ranchi : आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता को आरोप मुक्त किये जाने के मामले को लेकर विधायक सरयू राय ने फिर से चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने अनुराग गुप्ता के पक्ष में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर करने की मांग की है. साथ ही तात्कालीन डीजीपी एमवी राव द्वारा गुप्ता को आरोप मुक्त करने के मामले की फिर से समीक्षा करने का निर्देश देने की अपील की है. सरयू राय ने कहा है कि तात्कालीन डीजीपी एमवी राव उस मामले के संचालन पदाधिकारी थे. उन्होंने विभागीय कार्रवाई के संचालन में नियमों और न्यायादेशों का उल्लंघन किया है.
विधायक और गुप्ता के बीच हुई बातचीत को नहीं बनाया गया था प्रदर्श
सरयू राय ने पत्र में लिखा कि विभागीय कार्यवाही में तात्कालीन विधायक निर्मला देवी और अनुराग गुप्ता के बीच हुई बातचीत की सीडी को प्रदर्श नहीं बनाया गया था, लेकिन एमवी राव ने अपनी मर्जी से प्रदर्श के रूप में इसे आधार बनाकर गुप्ता पर लगे आरोपों को गलत बता दिया. मामले की फाइल को देखने से एमवी राव द्वारा बरती गई त्रुटि सामने आ सकती है. उन्होंने कहा कि एमवी राव के मंतव्य से सहमत होकर सरकार ने अनुराग गुप्ता को आरोप मुक्त कर दिया है, जो विधि सम्मत नहीं है.
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कैट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाये सरकार
उन्होंने आरोप लगाया कि कैट में सुनवाई के दौरान भी सरकार की ओर से गुप्ता पर की गई कार्रवाई को सही साबित करने का समुचित प्रयास नहीं किया गया. जिससे कैट का फैसला सरकार के खिलाफ और गुप्ता के पक्ष में चला गया. इसलिए कैट के इस निर्णय के खिलाफ सरकार की ओर से हाईकोर्ट में एक अपील की जानी चाहिए.
10 जून को भी सरयू ने चीफ सेक्रेटरी को लिखा था पत्र
इससे पहले 10 जून को भी इसी मामले को लेकर सरयू राय ने चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि संचालन पदाधिकारी (तात्कालीन डीजीपी एमवी राव) की रिपोर्ट की फिर से समीक्षा करने का आदेश दिया जाए. उन्होंने कहा था कि अनुराग गुप्ता पर 2016 के राज्यसभा चुनाव को प्रभावित करने के प्रयास का आरोप लगा था. तात्कालीन जेवीएम अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इसे लेकर चुनाव आयोग के पास शिकायत दर्ज कराई थी. चुनाव आयोग के हस्तक्षेप के बाद तात्कालीन सरकार ने इस मामले में मुकदमा तो दर्ज कर लिया था, लेकिन मुकदमा की जांच सही तरीके से नहीं हुई.
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