Medininagar : सतबरवा बीडीओ पर पेंशन घोटाला करने का आरोप लगा है. इसकी शिकायत एसीबी से की गई है. सोशल एक्टिविस्ट पंकज यादव ने एसीबी को सारे तथ्य से संबंधी कागजात उपलब्ध कराते हुए जांच की मांग की है. पंकज यादव ने अपने पत्र में लिखा है कि सेंटर फॉर आरटीआई राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाली संस्था है. संस्था की शिकायत पर दर्जनों मामलों की जांच सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स तथा एसीबी कर रही है.
पंकज का आरोप है कि पलामू के सतबरवा प्रखंड में बीडीओ राजकिशोर प्रसाद तथा रोजगार सेवक सरफराज अहमद द्वारा पेंशन घोटाला को अंजाम दिया गया है. पहले पैसे लेकर 1500 अवैध व अयोग्य लोगों को पेंशन का लाभ दिया गया, फिर सितंबर 2022 में डीडीसी पलामू को जब शिकायत की गई तो आनन-फानन में 1500 के करीब वृद्धा, विधवा तथा दिव्यांग पेंशनधारी का नाम सूची से हटा दिया गया . प्रत्येक पंचायत में 100 से 300 लोगों का नाम पेंशन सूची से हटा दिया गया, जो पैसा देकर अपना नाम जुड़वा कर दो वर्षों से पेंशन का लाभ ले रहे थे. सितंबर 2021 से सितंबर 2022 तक के पेंशनधारियों की जांच की जाये. ताकि यह पता चल सके कि किस आधार पर इनका चयन पेंशन के लिए हुआ तथा किस आधार पर सितंबर 2022 में इनका नाम लिस्ट से हटा दिया गया.
बीडीओ पर लगाये कई और गंभीर आरोप
पंकज यादव ने कहा कि सतबरवा में पेंशन घोटाले की जांच सही तरीके से हो गई तो राज्य के दूसरे जिले व प्रखंडों में भी इसका असर होगा. इससे झारखंड सरकार का करोड़ों रुपये की बचत भी होगी तथा योग्य लोगों को पेंशन का लाभ मिल पायेगा. पंकज ने आरोप लगाया है कि सतबरवा के बीडीओ राजकिशोर प्रसाद तथा उनके वसूली एजेंट सरफराज अहमद सिर्फ पेंशन में पैसों की वसूली नहीं की है, बल्कि प्रधानमंत्री आवास, बकरी शेड, गाय शेड में भी लाभुकों तथा मजदूरों से उगाही की है. इसकी शिकायत ग्रामीणों ने डीसी से भी की है, मगर उसपर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. ग्रामीणों तथा पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा संस्था को यह शिकायत मिली है. बीडीओ राजकिशोर प्रसाद पर जलमीनार, स्ट्रीट लाईट सहित पंचायत भवनों के रंग-रोगन समेत अन्य मामलों में गलत निकास पत्र तथा अक्षम जनप्रतिनिधि के हस्ताक्षर से पैसों की निकासी की गई है. सेंटर फॉर आरटीआई ने पत्र लिख कर मुख्य सचिव को इसकी जानकारी दी तथा कार्रवाई की मांग की है. पंकज ने कहा कि सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार के कई आरोप सतबरवा प्रखंड के प्रमुख तथा उपप्रमुख द्वारा पहले भी लगाए जा चुके हैं. उपलब्ध कराये गए तथ्यों तथा सबूतों के आधार पर एसीबी सतबरवा प्रखंड में हुए भ्रष्टाचार की जांच करे, ताकि जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ मिल सके और दोषियों पर कार्रवाई हो सके.
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