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CBI जांच पर सत्यपाल मलिक बोले, मैं डरता नहीं, किसी भी जांच के लिए तैयार हूं...

NewDelhi : मेघालय के राज्यपाल  सत्यपाल मलिक ने उनके खिलाफ सीबीआई जांच की बात सामने आने पर कहा है कि वो डरते नहीं हैं. खामोशी से बैठने वाले व्यक्तियों में से नहीं हैं. मलिक ने कहा, मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं. बता दें कि सत्यपाल मलिक किसान आंदोलन के दौरान सरकार की खुले तौर पर आलोचना करते रहे हैं. मलिक ने कहा कि जब कीचड़ में पत्थर मारा जाता है तो कीचड़ दूसरों पर भी उछलता है. मैं साफ कर देना चाहता हूं कि मेरे आरोपों पर सीबीआई जांच हो रही है. कहा कि मैं पांच कुर्ते पायजामे में कश्मीर गया था और वैसे ही वापस हो गया. मैं डरता नहीं हूं और आगे भी किसानों की आवाज उठाता रहूंगा. इसे भी पढ़ें : CJI">https://lagatar.in/cji-nv-ramana-said-a-new-trend-has-started-the-government-defames-the-judges/">CJI

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पीएम मोदी को बताया था कि 300 करोड़ की रिश्वतखोरी हुई है

सत्यपाल मलिक ने कहा, मैंने उस समय भी प्रधानमंत्री मोदी को बताया था कि 300 करोड़ की रिश्वतख़ोरी हुई है. मैंने दोनों डील रद्द कर दी थी. उन्होंने स्पष्ट किया, मेरे किसी काम पर जांच नहीं हो रही है. मैं खुश हूं कि मेरे द्वारा सामने लाये गये आरोपों पर जांच हो रही है. मेरे पास तो और भी नाम हैं. जांच होगी तो उनके नामों का खुलासा रहूंगा. मैं डरूंगा नहीं डट के लड़ूंगा. रिटायर होने के बाद किसानों के मुद्दों पर काम करता रहूंगा. बता दें कि  जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक के रिश्वत की पेशकश वाले आरोपों की CBI जांच हो रही है. इसे भी पढ़ें :  सुबह">https://lagatar.in/morning-news-diary-09-april-bandhu-tirkeys-membership-terminated-pmo-took-cognizance-of-sita-sorens-complaint/">सुबह

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300 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया था

सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि जब वह जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे तब संघ और बड़े औद्योगिक घराने की फाइलें क्लियर करने के बदले में उनको 300 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया था. हालांकि उन्होंने कहा कि घूस की रकम लेने से इनकार करते हुए डील रद्द कर दी थी. कहा जा रहा है कि इस मामले में सत्यपाल मलिक की भूमिका की भी जांच होगी. सत्यपाल मलिक ने कहा था कि तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लेना चाहिए अन्यथा इसका राजनीतिक खामियाजा उसे भुगतना पड़ सकता है. किसानों के एक साल से भी ज्यादा चले लंबे आंदोलन के बाद पिछले साल नवंबर में प्रधानमंत्री मोदी ने इन कानूनों की वापसी की घोषणा की थी. [wpse_comments_template]

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