- तीनों अधिकारियों को 4 नवंबर 2024 को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने का आदेश
Ranchi : झारखंड पुलिस के तीन अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक मामले में चार्जशीट दाखिल करने के लिए अवमानना नोटिस जारी किया है. जबकि अदालत ने एफआईआर में आगे कोई कार्रवाई करने पर अंतरिम रोक लगा दी. दरअसल न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ एक एसएलपी पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें झारखंड हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गयी थी, जिसमें एक आईपीएस अधिकारी की पत्नी (अब दिवंगत) द्वारा अपने मकान मालिक के खिलाफ दर्ज करायी गयी प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने जिन अधिकारियों को नोटिस जारी किया है, उसमें तत्कालीन डीएसपी सिटी रांची दीपक कुमार व दयानंद कुमार शामिल हैं. दोनों अधिकारी संबंधित समय में लोअर बाजार पुलिस स्टेशन रांची से जुड़े थे. इसके अलावा तारकेश्वर प्रसाद केसरी को भी अवमानना नोटिस जारी किया गया है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर 2024 को तीनों अधिकारी व्यक्तिगत रूप से न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया है.
मकान मालिक और किरायेदार के बीच विवाद का है मामला
यह मामला मकान मालिक और किरायेदार के बीच हुए विवाद से संबंधित है. झारखंड के तत्कालीन डीजीपी की पत्नी ने लोअर बाजार थाना में मकान मालिक के परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी थी. दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि कई बार मकान मालिक के परिवार और अन्य लोगों ने जबरन उसके घर में घुसकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है. डीजीपी की पत्नी ने मारपीट करने का भी आरोप लगाया. मकान मालिक ने तर्क दिया कि किरायादार किराया नहीं दे रहा था. घर खाली कराने की प्रक्रिया उप-विभागीय मजिस्ट्रेट के माध्यम से कानूनी रूप से शुरू की गयी थी. हालांकि मकान मालिक के अनुसार, किरायेदार ने बदले की भावना से कार्रवाई के रूप में आपराधिक मामला दायर किया.