NewDelhi : पहले आप लिखित में दो कि मुस्लिम आरक्षण खत्म करने वाला बोम्मई सरकार का फैसला अगली सुनवाई तक लंबित रहेगा, तभी हम तारीख देंगे. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरथ्ना की बेंच ने कर्नाटक सरकार पर बरसते हुए सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता से यह कहा. बता दें कि कर्नाटक के मुस्लिमों को ओबीसी कोटे में मिल रहा आरक्षण खत्म करने के मामले में सॉलीसिटर जनरल ने एक और तारीख देने की गुहार लगाई थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट के तेवर तल्ख हो गये. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
लिखित आश्वासन दो, हम उसे कोर्ट के रिकार्ड में डालेंगे
बेंच ने कहा कि हम तारीख तो दे देंगे, लेकिन पहले आप लिखित में दीजिए कि आरक्षण को खत्म करने वाला बोम्मई सरकार का फैसला अगली सुनवाई तक लंबित रहेगा. जवाब में तुषार मेहता ने कहा कि आदेश पहले ही रोक दिया गया है. लेकिन जज नहीं माने और कहा कि आप लिखित आश्वासन दो. हम उसे कोर्ट के रिकार्ड में डालेंगे. इस पर सॉलीसिटर जनरल कोर्ट के कहे अनुसार लिखित में दिया तो उन्हें अगली दी गयी.
तुषार मेहता ने संवैधानिक बेंच के सामने पेश होने की बात कह कर नयी तारीख मांगी
जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरथ्ना की बेंच बोम्मई सरकार द्वारा ओबीसी कोटे में मुस्लिमों को मिल रहे चार फीसदी आरक्षण को खत्म करने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है. इससे पूर्व हुई सुनवाई में तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया था कि सरकार के नये आदेश के अनुसार कर्नाटक में कोई भी दाखिला और नियुक्ति नहीं होगी. मामले की सुनवाई आज फिर की जानी थी, लेकिन तुषार मेहता ने संवैधानिक बेंच के सामने पेश होने की बात कह कर नयी तारीख मांगी.
दुष्यंत दवे ने सुनवाई टाले जाने की जताया विरोध
सॉलीसिटर जनरल मेहता द्वारा तारीख मांगे पर याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट दुष्यंत दवे बिफर गये. कहा कि कर्नाटक में चुनाव होने हैं. मामले की सुनवाई चुनाव तक टालने की कोशिश की जा रही है. आरोप लगाया कि अब तक चार बार सुनवाई टल चुकी है. बार बार तारीख मांगी जा रही है. दुष्यंत दवे ने तर्क दिया कि एक बार मामले की सुनवाई और टली तो गर्मी की छुट्टियां शुरू हो जायेगी. कोर्ट को याद दिलाया कि मामला मुस्लिम समुदाय के लोगों के हित से जुड़ा है. उनका आरक्षण सरकार ने खत्म कर दिया है.कहा कि मुस्लिमों को मिल रहा आरक्षण पहले ही जीरो पर आ गया है. श्री दवे के अनुसार मेतुषार मेहता को कहना चाहिए था कि 2002 के नोटिफिकेशन के मुताबिक मुस्लिमों को मिलने वाला आरक्षण जारी रहेगा तो अलग बात थी. पर वे बोल रहे हैं कि सरकार के फैसले पर फिलहाल रोक रहेगी.
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