- पानी मिला नहीं, ठेकेदार को कर दिया 22 करोड़ रुपये का भुगतान
- हर घर-नल योजना रांची वेस्ट डिविजन का करनामा
- न जलमीनार बनी, न ही वाटर कनेक्शन हुआ
- मुख्य अभियंता ने दोषी इंजीनियर पर कार्रवाई के लिए मांगी अनुमति Kaushal Anand
Ranchi : हर घर नल योजना के तहत रांची पश्चिम डिविजन में 26 करोड़ रुपये से काम होना है. इस योजना में अनियमितता सामने आई है. न तो यहां योजना का काम पूरा हुआ है और न ही लोगों को पानी मिल सका है. न जलमीनार बन सकी है और न ही वाटर कनेक्शन हुआ है. इसके बावजूद ठेकेदार को 22 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है. इसके लिए तत्कालीन अभियंता प्रमुख श्वेताभ कुमार, रांची पश्चिम डिविजन के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शशिशेखर सिंह और ठेकेदार (एजेंसी) शिल्पी कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग्स वर्क्स लिमिटेड गिरिडीह को जिम्मेवार ठहराया गया है. प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) मुख्य अभियंता संजय झा ने इस संबंध में अभियंता प्रमुख रघुनंदन शर्मा को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने दोषी ठेकेदार और इंजीनियर पर कार्रवाई के लिए अनुमति मांगी है. वहीं, विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने विभाग से सात दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है. बता दें कि उक्त योजना केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित है.
क्या है पूरी योजना
हर घर नल योजना (ग्रामीण जलापूर्ति) के तहत स्वर्णरेखा नदी में बोरिंग करके इंटकवेल बनाकर रांची पश्चिम की टाटी पश्चिम, टाटी पूर्व, सिलवे और महिलौंग पंचायत में पानी पहुंचाना था. इसके तहत इन पंचायतों के 50 हजार घरों तक पाइप बिछाकर टैप से पानी पहुंचाना था. इस पूरी योजना की लागत करीब 26 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है. मौजूदा समय में इन पंचायतों के ग्रामीणों को जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय ग्रामीण नदी, तालाब, कुआं और हैंडपंप आदि पर पानी के लिए निर्भर हैं. लोगों को स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पा रहा है. जब तक योजना पर पूरी तरह से अमल नहीं होगा तब तक स्थानीय लोगों को इस जलसंकट से निजात नहीं मिल पाएगी. यही वजह है कि उक्त इलाकों को इस योजना के तहत शामिल किया गया है. बहरहाल, योजना कब पूरी होगी, यह कहना मुश्किल है.
क्या हुई गड़बड़ी
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, स्वर्णरेखा नदी में केवल बोरिंग करके इंटकवेल बनाकर संप में पानी पहुंचा दिया गया. लाभुकों के घरों तक पानी पहुंचाने के लिए न तो पाइप लाइन बिछाई गई और न ही कनेक्शन दिया गया. लेकिन कागजों में यह दर्शाया गया है कि 3341 कनेक्शन कर दिए गए हैं. जलमीनार बनाने का काम भी अधूरा पड़ा है. छह लाख लीटर क्षमता की पानी की टंकी का निर्माण अधूरा पड़ा है. अब तक पानी की टंकी की छत की ढलाई भी नहीं हुई है. फिल्टरेशन प्लांट बना दिया गया है. संप से पानी लाने के लिए कनेक्शन देने का काम चल रहा है. चाबी लगाई जा रही है. इतने काम अधूरे होने के बावजूद 26 करोड़ रुपये की योजना में से करीब 22 करोड़ रुपये का भुगतान ठेकेदार को कर दिया गया है. इस काम के लिए तीन बार एक्सटेंशन तक दिया जा चुका है. [wpse_comments_template]
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