Ranchi : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सभी राज्यों के स्कूली शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है. पत्र लिख कर कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से देखा जा रहा है कि त्योहारों के उत्सव में बच्चों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. ये उत्पीड़न स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है. आगे उन्होंने कहा कि स्कूल में रक्षाबंधन के त्योहार के दौरान बच्चों को राखी या तिलक या मेहंदी लगाने की अनुमति नहीं देते हैं और उन्हें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से प्रताड़ित किया जाता है. गौरतलब है कि आरटीई अधिनियम, 2009 की धारा 17 के तहत स्कूलों में शारीरिक दंड निषिद्ध है. स्कूल ऐसी कोई प्रथा नहीं अपनाएं, जिससे बच्चों को शारीरिक दंड या भेदभाव का सामना करना पड़े.
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